
पटनाः बिहार BJP जल्द ही सोशल मीडिया पर फैमिली की सोचने में जुट गई है। वास्तव में, उनकी चिंता का मुख्य कारण है वह चलित फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स, जो उनके नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं। पार्टी के कई समर्थक इन फर्जी प्रोफाइल्स से उत्पन्न परेशानियों को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि इन अकाउंट्स पर ऐसी सामग्री पोस्ट की जा रही है जो पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रही है।
बीजेपी की बिहार इकाई ने इन मामलों में पुलिस की मदद मांगी है। पार्टी के मुख्यालय के प्रभारी, अरविंद शर्मा ने पटना में साइबर पुलिस को एक शिकायत में ये जानकारियाँ दी हैं। उन्होंने बताया कि कई फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स चलाए जा रहे हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य पार्टी के खिलाफ गतिविधियों को फैलाना और उसका दुरुपयोग करना है।
शर्मा ने अपनी शिकायत में बताया कि इस संबंध में बीजेपी के सोशल मीडिया समन्वयक, अनमोल रमेश शोभित ने उन्हें विशेष जानकारी दी है, जिससे इन फर्जी अकाउंट्स की एक विस्तृत सूची तैयार की गई है। उन्होंने कहा, ‘हमने पुलिस से अनुरोध किया है कि इन फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स को जल्द से जल्द बंद किया जाए।’
इस फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट की समस्या वास्तव में गंभीर होती जा रही है। बीजेपी के प्रवक्ता, दानिश इकबाल ने ईटीवी भारत को बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने 10 जून को ही इस समस्या को लेकर शिकायत दर्ज करवाई थी। उनका कहना है कि इसके पीछे कुछ स्वार्थी लोगों का हाथ हो सकता है।
साइबर पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस मंडल के उप-निरीक्षक, राघवेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया, ‘हमें बिहार बीजेपी के नेताओं से एक शिकायत मिली थी जिसमें बताया गया कि फर्जी सोशल मीडिया चैनल उनकी पार्टी की छवि को खराब कर रहे हैं। हम इस मामले की जांच कर रहे हैं।’
इसके अलावा, पुलिस ने इस शिकायत को ध्यान में रखते हुए एक ‘स्टेशन डायरी एंट्री’ भी की है क्योंकि बीजेपी ने FIR दर्ज करवाने की आवश्यकता पर जोर नहीं दिया।
बीजेपी ने स्पष्ट किया है कि उनका मुख्य उद्देश्य उन अकाउंट्स को बंद कराना है जो उनकी पहचान का गलत उपयोग कर रहे हैं। ये फर्जी प्रोफाइल्स ना केवल पार्टी के खिलाफ गलत संदेश फैला रही हैं, बल्कि आम जनता के बीच भी भ्रम उत्पन्न कर रही हैं।
इस स्थिति ने पार्टी को चिंतित कर दिया है। बीजेपी ने इन अकाउंट्स का सही पहचान करना और इन्हें बंद कराना जरूरी समझा है। इससे न केवल पार्टी की छवि को सुधारने में मदद मिलेगी, बल्कि आम लोगों को भी इस समस्या से राहत मिलेगी, जो इन फर्जी खबरों के कारण भ्रमित हो सकते हैं।
इस मामले के संबंध में लगभग सभी बीजेपी समर्थक चिंता में हैं। वे चाहते हैं कि इस फर्जी सोशल मीडिया मामलों पर जल्दी कार्रवाई की जाए। ऐसा नहीं होने पर, पार्टी को और भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उसकी छवि और मजबूती को नुकसान पहुंच सकता है।
आज के दौर में, सोशल मीडिया एक शक्तिशाली माध्यम बन चुका है। इसके जरिये सही और गलत की पहचान कर पाना बहुत चुनौतीपूर्ण हो गया है। इसलिए इस तरह की घटनाएं हर किसी के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकती हैं। इसीलिए, पुलिस और बीजेपी दोनों ही फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए तत्पर हैं।
जैसा कि बिहार बीजेपी इस दिशा में काम कर रही है, इस मामले का निपटारा करना अवश्य लगेगा। यह केवल बीजेपी के लिए नहीं, बल्कि भारतीय राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन सकता है। यह मामले सभी राजनीतिक दलों के लिए एक चेतावनी है कि वे अपने सोशल मीडिया प्रबंधन पर ध्यान दें और फर्जी अकाउंट्स को लेकर गंभीर रहें।