
नई दिल्ली, 18 जून (PTI) वाणिज्य और उद्योग मंत्री piyush goyal इस समय लंदन में हैं, जहां वे दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर गए हैं। उनका उद्देश्य भारत और यूके के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करना है।
इस दौरे के दौरान, गोयल यूके के व्यापार और वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि दोनों नेता FTA वार्ताओं में हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे और इसे अंतिम रूप देने तथा कार्यान्वयन के लिए एक स्पष्ट और समयबद्ध रोडमैप तैयार करेंगे।
भारत और यूके ने 6 मई को FTA के निष्कर्ष की घोषणा की थी। इस समझौते का उद्देश्य भारतीय निर्यातों पर से शुल्क को समाप्त करना है, जैसे कि लेदर, फुटवियर्स और कपड़े। वहीं, यूके के उत्पादों जैसे कि व्हिस्की और कारों के आयात को आसान बनाना है।
यह समझौता दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच 2030 तक व्यापार को 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक दुगना करने का लक्ष्य रखता है।
हालांकि, यह समझौता अभी औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित और कार्यान्वित नहीं किया गया है।
मंत्री रachael reeves, जो यूके के चांसलर ऑफ़ द एक्सचेक्कर हैं, से भी मुलाकात करेंगे। इस बैठक में वे दो देशों के बीच मैक्रोइकोनॉमिक प्राथमिकताओं, वित्तीय सहयोग और निवेश की सुविधाओं पर चर्चा करेंगे।
साथ ही, गोयल की बैठक कल्चर, मीडिया और खेल मंत्री लिसा नैंडी से भी निर्धारित है। इसका उद्देश्य रचनात्मक उद्योगों और नवाचार संचालित क्षेत्रों में सहयोग के रास्तों को खोजने का है।
समाचार मंत्रालय के अनुसार, “इन बैठकों के माध्यम से वैश्विक व्यापार नेताओं, निवेशकों और नीति विशेषज्ञों को एक मंच पर लाएगा, जिससे वे भारत-यूके आर्थिक गलियारे और प्रस्तावित FTA के परिवर्तनकारी प्रभावों पर विचार कर सकें।”
मंत्री की योजना प्रमुख क्षेत्रों जैसे शिपिंग, फिनटेक, लॉजिस्टिक्स और उन्नत विनिर्माण से संबंधित CEOs और उद्योग के हितधारकों के साथ बातचीत करने की है। इस बातचीत का उद्देश्य वाणिज्यिक संबंधों को गहरा करना और सीमा पार निवेश को बढ़ावा देना है।
2023-24 में भारत और यूके के बीच द्विपक्षीय व्यापार 21.34 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ गया, जो 2022-23 में 20.36 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
इस प्रकार, यह व्यापार वार्ता लंदन में महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने की कोशिश की जा रही है। गोयल का यह दौरा यूके और भारत के लिए स्वर्णिम अवसरों की तलाश का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें नई तकनीक और उद्योग प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।