
नई दिल्ली। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को संसद को बताया कि दूरसंचार धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए नागरिकों की फीडबैक के आधार पर 13.6 मिलियन से अधिक मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट किए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी रोकने और नागरिकों को डिजिटल खतरों से बचाने के लिए भारत सरकार ने गृह मंत्रालय के साथ समन्वय करते हुए दूरसंचार विभाग (DoT) के तहत कई निर्णायक, प्रौद्योगिकी-संचालित उपायों की शुरुआत की है।
इसमें एक प्रमुख विशेषता ‘नो योर मोबाइल कनेक्शन्स’ सेवा है, जो उपयोगकर्ताओं को अपने नाम पर जारी सभी नंबरों की जांच करने और किसी भी अनधिकृत कनेक्शन की रिपोर्ट करने की अनुमति देती है। इसके तहत 13.6 मिलियन ऐसे नंबर डिस्कनेक्ट किए गए हैं।
इन श्रेणियों के तहत 3.7 लाख से अधिक व्यक्तियों को फ्लैग किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप 3.04 लाख से अधिक डेबिट/क्रेडिट निर्देशों को रोका गया है और 1.55 लाख बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है। इस प्रणाली की प्रभावशीलता को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को FRI को अपनी आंतरिक प्रणालियों में एकीकृत करने का निर्देश दिया है।
मंत्री ने बताया कि DoT ने 5.5 लाख हैंडसेट को ब्लॉक किया है और 20,000 बल्क एसएमएस भेजने वालों को डिएक्टिवेट किया है। संदिग्ध गतिविधियों में शामिल लगभग 24 लाख व्हाट्सएप अकाउंट्स को भी डिसएंगेज कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि एक डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है, जो 570 बैंकों, 36 राज्य पुलिस बलों, जांच एजेंसियों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं सहित 620 संस्थानों को एक साथ लाता है। यह प्लेटफॉर्म रीयल-टाइम में धोखाधड़ी से निपटने के लिए साथ मिलकर काम करता है। यह प्लेटफॉर्म नागरिकों को धोखा देने के लिए दूरसंचार बुनियादी ढांचे का दुरुपयोग करने वाले स्कैमर्स और साइबर अपराधियों के खिलाफ एकीकृत कार्रवाई को सक्षम बनाता है।