
नई दिल्ली: कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) द्वारा सोमवार को जारी ताजा मासिक बुलेटिन के अनुसार, भारत में मई 2025 में नई कंपनियों के पंजीकरण की संख्या में सालाना आधार पर 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस साल मई में कुल 20,718 नई कंपनियां पंजीकृत हुईं, जो आर्थिक गतिविधियों में तेजी को दर्शाता है।
31 मई 2025 तक देश में कुल पंजीकृत कंपनियों की संख्या बढ़कर 28,96,943 हो गई है, जिनमें से 65 प्रतिशत (18,90,305) सक्रिय हैं। मंत्रालय के मुताबिक अप्रैल 2025 की तुलना में सक्रिय कंपनियों के कुल अनुपात में 0.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
नई पंजीकृत कंपनियों का आर्थिक गतिविधि-वार वर्गीकरण दिखाता है कि अधिकांश कंपनियां सामुदायिक, व्यक्तिगत और सामाजिक सेवाओं (27 प्रतिशत) में हैं, इसके बाद व्यापार (17 प्रतिशत) का स्थान है, जबकि विनिर्माण और व्यवसाय सेवाएं प्रत्येक 15 प्रतिशत का हिस्सा रखती हैं।
नए पंजीकृत कंपनियों का राज्यवार विश्लेषण बताता है कि मई 2025 के दौरान सबसे अधिक नए पंजीकरण वाले शीर्ष तीन राज्य महाराष्ट्र (17 प्रतिशत, 3,458 कॉर्पोरेट), उत्तर प्रदेश (11 प्रतिशत, 2,379) और दिल्ली (9 प्रतिशत, 1,858) रहे।
31 मई 2025 तक भारत में कुल 5,247 विदेशी कंपनियां भी पंजीकृत थीं, जिनमें से 63 प्रतिशत (3,293) सक्रिय थीं। मार्च 2025 से मई 2025 के बीच कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ पंजीकृत 28 नई विदेशी व्यावसायिक संस्थाओं में से 21 प्रतिशत कर्नाटक, 18 प्रतिशत हरियाणा और महाराष्ट्र, 14 प्रतिशत गुजरात, 11 प्रतिशत उत्तर प्रदेश, 7 प्रतिशत तेलंगाना और 4 प्रतिशत प्रत्येक मध्य प्रदेश, दिल्ली तथा तमिलनाडु में पंजीकृत हुईं।
आर्थिक गतिविधि वर्गीकरण को देखें तो 61 प्रतिशत कंपनियों को ‘सामुदायिक, व्यक्तिगत और सामाजिक सेवाओं’ के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
इस बीच, HSBC के फ्लैश PMI (Purchasing Managers’ Index) आंकड़ों से पता चला है कि भारत के निजी क्षेत्र में उत्पादन वृद्धि जून में फिर से बढ़ गई। इसमें विनिर्माण कंपनियों और सेवा फर्मों के बीच व्यावसायिक गतिविधियों की दर तेज हुई, जबकि श्रमिकों की भर्ती 18 वर्ष के उच्च स्तर पर पहुंच गई।