
देहरादून में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति निकेतन को जनता के लिए खोलने का शुभारंभ किया। इसके साथ ही उन्होंने विजिटर फैसिलिटेशन सेंटर, कैफेटेरिया और स्मारिका दुकान जैसी सुविधाओं का उद्घाटन भी किया। राष्ट्रपति निकेतन में राष्ट्रपति उद्यान की आधारशिला भी रखी गई।
राष्ट्रपति तपोवन देहरादून के राजपुर रोड पर स्थित है जो 19 एकड़ में फैला हुआ है। यह हिमालय की तलहटी में स्थित एक आध्यात्मिक स्थल और पारिस्थितिकी संरक्षण केंद्र है। यहां 117 पौधों की प्रजातियां, 52 तितलियां, 41 पक्षी प्रजातियां और 7 जंगली स्तनधारी पाए जाते हैं। इनमें से कुछ संरक्षित प्रजातियां भी हैं।
राष्ट्रपति निकेतन की स्थापना 1976 में हुई थी लेकिन इसका इतिहास 1838 तक जाता है जब यह गवर्नर जनरल के बॉडिगार्ड का समर कैंप हुआ करता था। 21 एकड़ में फैले इस परिसर में ऐतिहासिक इमारतें, बगीचे और अस्तबल हैं।
राष्ट्रपति उद्यान एक 132 एकड़ का सार्वजनिक पार्क होगा जो नेट जीरो अवधारणा पर आधारित होगा। यह दिव्यांगजनों के लिए पूरी तरह सुलभ होगा और समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। इस अवसर पर राष्ट्रपति निकेतन, तपोवन और उद्यान की जैव विविधता पर एक किताब भी जारी की गई।
राष्ट्रपति तपोवन 24 जून से जबकि राष्ट्रपति निकेतन 1 जुलाई 2025 से जनता के लिए खुलेंगे। इस दौरान राष्ट्रपति ने दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय संस्थान का भी दौरा किया और छात्रों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति इस बात से आंकी जा सकती है कि वह दिव्यांगजनों के प्रति कैसा व्यवहार करता है। सुगम्य भारत अभियान के जरिए सरकार दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रही है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज का युग विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है। उन्होंने दृष्टिबाधित छात्रों के लिए संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि समाज को दिव्यांगजनों को हर क्षेत्र में प्रोत्साहित करना चाहिए।