
गुवाहाटी, 25 जून। इनकम टैक्स विभाग ने पिछले आठ साल में असम और उत्तरपूर्व के अन्य राज्यों में करीब 5,000 करोड़ रुपये का black money बरामद किया है। यह जानकारी एक बार फिर सिस्टमैटिक टैक्स चोरी और इस क्षेत्र में फलफूल रहे शैडो इकोनॉमी पर सवाल खड़े करती है।
मौजूदा जानकारी के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 में कालाधन बरामद करने के मामले में भारी उछाल देखा गया है। इस साल विभाग की जांच टीम ने 1,049 करोड़ रुपये का गैरकानूनी धन ढूंढ़ निकाला, जो 2022-23 में बरामद 298 करोड़ रुपये से तीन गुना ज्यादा है।
हालांकि, वर्ष 2020-21 में 1,517 करोड़ रुपये का कालाधन बरामद हुआ था, जो 2016-17 से 2023-24 के बीच का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
इनकम टैक्स विभाग के एक अधिकारी ने बताया, यह तेज उछाल पिछले कुछ समय में विभाग की सबसे बड़ी कामयाबियों में से एक है जो छिपे हुए धन के पैमाने और टैक्स अथॉरिटीज के बढ़े हुए प्रयासों को दिखाता है।
लेकिन विभाग ने पिछले आठ साल में असम में सिर्फ 50 टारगेटेड छापेमारी की है। 2023-24 में महज पांच छापे हुए, जबकि पिछले दो साल में सिर्फ आठ छापेमारी की गई। 2020-21 में सबसे ज्यादा 19 छापेमारी हुई थी।
जांच से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बरामद की गई संपत्ति में कैश, प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट्स और डिजिटल रिकॉर्ड्स शामिल हैं, जो मनी लॉन्ड्रिंग, शेल कंपनियों और टैक्स चोरी के जाल को उजागर करते हैं।
कानूनी संवेदनशीलता के चलते इंडिविजुअल्स और कंपनियों के नाम अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन भीतरी सूत्रों के मुताबिक इनमें हाई-प्रोफाइल बिजनेसमैन, कॉन्ट्रैक्टर्स और पॉलिटिकली एक्सपोज्ड पर्सन्स शामिल हैं।
हालांकि, सूत्र यह भी मानते हैं कि ये आंकड़े देश के अन्य औद्योगिक और शहरी राज्यों की तुलना में अभी भी काफी पीछे हैं।
एक लीगल एक्सपर्ट के अनुसार, अगर सर्च के दौरान अस्सेसी अपनी अनडिस्क्लोज्ड इनकम स्वीकार कर ले और टैक्स व इंटरेस्ट का भुगतान कर दे तो उस पर 30 प्रतिशत का पेनाल्टी लगता है। अन्य मामलों में यह पेनाल्टी 60 प्रतिशत तक हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, इस क्षेत्र के सैकड़ों इंडिविजुअल्स और एंटिटीज अभी भी नजर में हैं और इंटेलिजेंस जुटाने व फोरेंसिक फाइनेंशियल ट्रैकिंग के बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी।
सूत्र यह भी बताते हैं कि कालाधन बरामद होने के मामले बढ़ने के साथ-साथ छोटे और मझोले बिजनेस यूनिट्स एवं प्रोफेशनल्स में वॉलंटरी कंप्लायंस भी बढ़ रहा है, जो एक सकारात्मक संकेत है।