
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को वैश्विक दक्षिण (Global South) के देशों के लिए सामूहिक और निर्णायक कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं में वित्तीय बाधाएं, जलवायु परिवर्तन और बदलती भूराजनीतिक गतिशीलता से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा।
ब्राजील के रियो डी जनेरियो में न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि यह बैठक एक निर्णायक समय पर हो रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन चुनौतियों के जवाब में हमारी सामूहिक कार्रवाई निर्णायक, समावेशी और भविष्योन्मुखी होनी चाहिए।
एनडीबी की स्थापना ब्रिक्स देशों ने की है। सीतारमण ने कहा कि बहुपक्षीय विकास बैंक (MDBs) इन चुनौतियों से निपटने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि एमडीबी के पास तकनीकी विशेषज्ञता, रियायती वित्तपोषण और प्रभावी जोखिम प्रबंधन उपकरणों के जरिये सार्वजनिक और निजी निवेश को बढ़ावा देने की क्षमता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि एनडीबी विकास वित्त, मजबूत बुनियादी ढांचे और ग्लोबल साउथ में सहयोग को बढ़ावा देने वाला एक प्रमुख भागीदार बनकर उभरा है। भारत ने ग्लोबल साउथ के समावेशी, टिकाऊ और नवाचार आधारित विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
सीतारमण ने कहा कि भारत के प्रयासों से अफ्रीकी संघ को जी20 का स्थायी सदस्य बनाया गया, जिससे ग्लोबल साउथ को उन मुद्दों पर चर्चा में अहम भूमिका निभाने का मौका मिला जो उन्हें प्रभावित करते हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोविड के बाद के दौर में मजबूत वृद्धि और लचीलापन दिखाया है। मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिरता, डिजिटलीकरण और समावेशी नीति निर्माण पर ध्यान दिए जाने के कारण यह संभव हो पाया है। सीतारमण ने कहा कि भारत आने वाले वर्षों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में एनडीबी एक विश्वसनीय संस्था के तौर पर उभरा है। अब बैंक को अपने अगले चरण में विकास के लिए रणनीतिक प्राथमिकताओं पर ध्यान देना चाहिए। सीतारमण ने कहा कि निजी पूंजी जुटाना इस वृद्धि को बनाए रखने की कुंजी है। एनडीबी को निजी क्षेत्र की पूंजी को प्रोत्साहित करने में उत्प्रेरक भूमिका निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि छोटे और मध्यम उद्यमों, खासकर महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों, को समर्थन देने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इससे समावेशी भागीदारी, आर्थिक विकास और लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा।
सीतारमण ने कहा कि एनडीबी ने दिखाया है कि ग्लोबल साउथ की एक संस्था समय पर, भरोसेमंद और संदर्भ विशेष विकास समाधान दे सकती है। बैंक को ज्ञान आदान प्रदान, नीतिगत नवाचार और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अंतरदेशीय साझेदारी को प्रोत्साहित करना चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने जैसे अपने सफल मॉडल्स को साझा करने के लिए एनडीबी के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि मजबूत शासन और पारदर्शी संस्थागत तंत्र एनडीबी की विश्वसनीयता और प्रभावकारिता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।