
नई दिल्ली, 5 जुलाई: केंद्र सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये के रिसर्च डेवलपमेंट एंड इनोवेशन (RDI) स्कीम को मंजूरी दी है। यह स्कीम स्टार्टअप्स और उद्योगों को क्वांटम कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे अहम टेक्नोलॉजी सेक्टर्स में रिसर्च के लिए फंडिंग उपलब्ध कराएगी।
इस स्कीम को कैबिनेट ने 1 जुलाई को मंजूरी दी थी। यह डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगा, हाई एंड प्रोडक्ट्स और सर्विसेज का निर्माण करेगा और देश में रोजगार के अवसर पैदा करेगा। इसके तहत क्रिटिकल टेक्नोलॉजी की खरीद और डीप टेक फंड ऑफ फंड्स की स्थापना को भी सपोर्ट किया जाएगा।
भारत में रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर होने वाला खर्च जीडीपी का महज 0.65% है, जबकि ग्लोबल एवरेज 2.7% है। इस्राइल (6.3%), साउथ कोरिया (5%), सिंगापुर (2.2%), यूके (2.9%) और अमेरिका (3.6%) जैसे देश इस मामले में बहुत आगे हैं।
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर का R&D में निवेश कम है क्योंकि कंपनियां इसे निवेश की बजाय खर्च मानती हैं। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि R&D में निवेश प्राइवेट सेक्टर और स्टार्टअप्स के लिए जरूरी है क्योंकि इससे मार्केट में नए प्रोडक्ट्स और सर्विसेज आते हैं।
सरकार ने 2016 में स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू की थी। RDI स्कीम का मकसद रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन में प्राइवेट सेक्टर को फंडिंग से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में मदद करना है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस स्कीम के तहत लॉन्ग टर्म फाइनेंसिंग या रिफाइनेंसिंग कम या बिना ब्याज दर पर उपलब्ध होगी। स्टार्टअप्स के लिए इक्विटी के रूप में भी फंडिंग मिल सकेगी। 1 लाख करोड़ रुपये में से 20,000 करोड़ रुपये इसी साल के बजट में आवंटित किए जा चुके हैं।
इस स्कीम की एक खास बात यह है कि कोई भी मंत्रालय टेक्नोलॉजी को इसके तहत शामिल करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को प्रपोजल भेज सकता है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) की गवर्निंग बोर्ड RDI स्कीम को स्ट्रैटेजिक दिशा देगी। ANRF की कार्यकारी परिषद स्कीम के गाइडलाइंस को मंजूरी देगी और दूसरे लेवल के फंड मैनेजर्स तथा सनराइज सेक्टर्स में प्रोजेक्ट्स के स्कोप और टाइप की सिफारिश करेगी।
कैबिनेट सचिव की अगुवाई वाली एक एम्पावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज़ स्कीम में बदलाव, सेक्टर्स, प्रोजेक्ट्स के टाइप और दूसरे लेवल के फंड मैनेजर्स को मंजूरी देगी। यह ग्रुप स्कीम के परफॉर्मेंस की भी समीक्षा करेगी।
सरकार ANRF के अंतर्गत स्पेशल पर्पज फंड को 50 साल की ब्याज मुक्त लोन देगी जो आगे दूसरे लेवल के फंड मैनेजर्स को फंड उपलब्ध कराएगी। ये फंड मैनेजर्स AIFs, NBFCs या फोकस्ड रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन भी हो सकते हैं।
इन फंड मैनेजर्स की एक इन्वेस्टमेंट कमेटी होगी जिसमें प्राइवेट सेक्टर, अकादमिया, टेक्नोलॉजी और फाइनेंस सेक्टर के तकनीकी और वित्तीय विशेषज्ञ होंगे। यह कमेटी प्रोजेक्ट्स का चयन करेगी। एक अधिकारी के मुताबिक, इस तरह का सिस्टम भारत के R&D इकोसिस्टम को बढ़ावा देगा।
डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इस स्कीम के लिए नोडल डिपार्टमेंट होगा और यह डिटेल्ड गाइडलाइंस जारी करेगा। इन गाइडलाइंस में प्राइवेट सेक्टर के RDI प्रयासों को सपोर्ट करने के लिए कैपिटल के इफेक्टिव रिसाइक्लिंग का भी प्रावधान होगा।