
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने मंगलवार को सभी संबद्ध स्कूलों के प्रमुखों को एक पत्र लिखकर छात्रों के बीच स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में ‘ऑयल बोर्ड’ स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। यह 14 मई 2025 के पहले के परिपत्र का विस्तार है, जो चीनी की खपत को लेकर जारी किया गया था।
CBSE के पत्र के अनुसार, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS 5) 2019 21 से पता चला है कि शहरी क्षेत्रों में हर पांचवां वयस्क मोटापे का शिकार है। लैंसेट ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (GBD) स्टडी 2021 के अनुसार, भारत में मोटापे से ग्रस्त वयस्कों की संख्या 2021 के 18 करोड़ से बढ़कर 2050 तक 44.9 करोड़ होने का अनुमान है। इसके साथ ही भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोटापा प्रभावित देश बन जाएगा।
पत्र में कहा गया है कि बच्चों में मोटापे का मुख्य कारण खराब आहार आदतें और शारीरिक गतिविधि की कमी है। इसके मद्देनजर, सभी स्कूलों को छात्रों और कर्मचारियों को जागरूक करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
स्कूलों के सामान्य क्षेत्रों में ऑयल बोर्ड लगाकर तेल की हानिकारक खपत के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाएगी। सभी आधिकारिक स्टेशनरी और प्रकाशनों पर स्वास्थ्य संबंधी संदेश छापे जाएंगे ताकि मोटापे से लड़ने के प्रति दैनिक अनुस्मारक दिया जा सके।
स्कूलों में पौष्टिक और स्वस्थ भोजन विकल्प (अधिक फल, सब्जियां और कम वसा वाले विकल्प) उपलब्ध कराकर तथा मीठे पेय और उच्च वसा वाले स्नैक्स की उपलब्धता सीमित कर स्वस्थ भोजन को बढ़ावा दिया जाएगा। शारीरिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए सीढ़ियों का उपयोग, छोटे व्यायाम ब्रेक का आयोजन और वॉकिंग रूट्स को सुगम बनाने जैसी पहल की जाएगी।
इससे पहले जून में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मोटापे और मधुमेह, हृदय रोग जैसी गैर संचारी बीमारियों से निपटने के लिए स्कूलों और कार्यालयों में पिज्जा, बर्गर, समोसा, वड़ा पाव, कचौरी जैसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थों में तेल और चीनी की मात्रा को प्रदर्शित करने वाले बोर्ड लगाने का प्रस्ताव रखा था।
इस साल मार्च में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटापे के मुद्दे को उठाते हुए लोगों से अपने खाना पकाने के तेल की खपत को 10% कम करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि 2050 तक 44 करोड़ से अधिक भारतीय मोटापे से पीड़ित होंगे, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा था कि एक स्वस्थ राष्ट्र ही विकसित देश का लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। उन्होंने नियमित शारीरिक गतिविधि को दिनचर्या में शामिल करने की भी सलाह दी थी।