
नवी मुंबई के एक चौंकाने वाले मामले में 68 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला को साइबर ठगों ने 10 लाख रुपये की रकम से ठग लिया। ये धोखेबाज खुद को टेलीकॉम विभाग और मुंबई साइबर सेल के अधिकारी बता रहे थे और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोप लगाए थे।
पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी कि यह घटना 15 और 16 जुलाई को हुई जब पीड़िता, जो एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी हैं, को दो अज्ञात नंबरों से फोन आए। कॉलरों ने दावा किया कि उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और बॉडी पार्ट्स की तस्करी के झूठे आरोप लगे हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि ठगों ने खुद को टेलीकॉम विभाग और मुंबई साइबर सेल का अधिकारी बताकर पीड़िता का विश्वास जीत लिया। उन्होंने डर और जल्दबाजी दिखाकर महिला को उसके बैंक खाते से पैसे निकालने और फिक्स्ड डिपॉजिट में डालने के लिए कहा ताकि उनकी जांच हो सके।
बाद में पता चला कि पीड़िता ने 10 लाख रुपये ठगों द्वारा बताए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए। जब उसने संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया तो पता चला कि उसके खिलाफ कोई शिकायत या जांच दर्ज नहीं है।
पुलिस अब तकनीकी निगरानी के जरिए आरोपियों और उनके ठिकानों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। अधिकारी ने बताया कि अपराध में इस्तेमाल किए गए फोन नंबरों और बैंक खातों की जांच की जा रही है।
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4) (ठगी) और 319(2) (प्रतिरूपण द्वारा ठगी) तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।