
नई दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर कांग्रेस नेता मल्लु रवि ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने दावा किया कि बिहार चुनाव से पहले भाजपा सरकार धनखड़ को हटाकर उनकी जगह किसी ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करना चाहती थी जो आगामी चुनावों में उनके लिए फायदेमंद साबित हो।
एएनआई से बातचीत में रवि ने कहा कि धनखड़ के इस्तीफे के पीछे उनकी शारीरिक सेहत नहीं बल्कि राजनीतिक कारण छिपे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दो दिनों तक राज्यसभा सत्र का संचालन बिना किसी शारीरिक परेशानी के किया। वह भारत के उपराष्ट्रपति हैं इसलिए हम भी इस बारे में चिंतित हैं। हालांकि, उनके इस्तीफे पत्र में कहा गया है कि उनकी सेहत भारत के उपराष्ट्रपति पद पर बने रहने लायक नहीं है, लेकिन हमें लगता है कि यह उनकी शारीरिक सेहत नहीं बल्कि राजनीतिक अस्वस्थता है। खासतौर पर बिहार चुनाव से पहले, शायद भाजपा सरकार उन्हें इस पद से हटाकर किसी ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करना चाहती थी जो आगामी बिहार चुनावों में उनके लिए मददगार साबित हो।’
कांग्रेस सांसद जेबी मैथर ने इस घटनाक्रम को बेहद चौंकाने वाला और अप्रत्याशित बताया। वरिष्ठ नेता दानिश अली ने सवाल उठाया कि क्या सच में स्वास्थ्य कारणों से यह कदम उठाया गया। उन्होंने इशारा किया कि कुछ रहस्यमय घटनाएं हो रही हैं जो राष्ट्र के हित में नहीं हैं।
एएनआई से बात करते हुए मैथर ने कहा, ‘यह वाकई बहुत चौंकाने वाला है। उपराष्ट्रपति ने आज सुबह भी राज्यसभा सत्र की अध्यक्षता की थी। यह बहुत अप्रत्याशित घटनाक्रम है। हमारे बीच अलग अलग राजनीतिक नजरिए को लेकर मतभेद रहे हैं। लेकिन मैं कहूंगा कि एक युवा सांसद के तौर पर उन्होंने कई मौकों पर मुझे राज्यसभा में बोलने के लिए प्रोत्साहित किया। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं और आशा करता हूं कि वह जल्द ठीक हो जाएं।’
वहीं दानिश अली ने कहा, ‘उनके इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं नहीं लगतीं… हाल ही में सुना गया था कि भाजपा के कुछ शीर्ष राष्ट्रीय नेता ऐसे बयान दे रहे थे जो उनके (उपराष्ट्रपति धनखड़) पद की गरिमा के अनुरूप नहीं थे… ऐसा प्रतीत होता है कि न्यायमूर्ति यादव और न्यायमूर्ति वर्मा के महाभियोग प्रस्ताव को लेकर उनकी सरकार से मतभेद थे… उन्होंने कई बार कहा था कि वह कभी किसी के दबाव में नहीं आएंगे… रहस्यमय चीजें हो रही हैं जो राष्ट्र के हित में नहीं हैं।’
इस बीच, सोमवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय सलाह का पालन करने की बात कही। उनके इस्तीफे पत्र में कहा गया, ‘स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के तहत तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।’
पत्र में कहा गया, ‘मैं भारत की राष्ट्रपति महामहिम के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं जिन्होंने मेरे कार्यकाल के दौरान मुझे अटूट समर्थन दिया और हमारे बीच एक सुखद कार्य संबंध बना रहा।’ उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद के प्रति भी अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।
धनखड़ ने कहा कि संसद के सभी सदस्यों से मिले प्यार, विश्वास और स्नेह को वह हमेशा याद रखेंगे। यह इस्तीफा संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन आया है। धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। उपराष्ट्रपति के तौर पर वह राज्यसभा के सभापति भी रहे।
डिस्क्लेमर: यह खबर एएनी से सीधे प्राप्त हुई है और न्यूज नेशन टीम द्वारा इसमें कोई संपादन नहीं किया गया है। समाचार एजेंसी इसकी सामग्री के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है।