
"Benefits of AI"
क्या भारत Agentic AI के नेतृत्व वाले रोज़गार परिवर्तन के लिए तैयार है? क्या विनिर्माण और रिटेल जैसे सेक्टर समय रहते ढल पाएंगे? 2030 तक, भारत में 1.8 करोड़ से अधिक नौकरियां AI के प्रभाव में आ सकती हैं, जिनमें सिर्फ विनिर्माण क्षेत्र में ही 80 लाख पद शामिल हैं। Agentic AI न सिर्फ नौकरियों को विस्थापित कर रही है बल्कि नए अवसर भी पैदा कर रही है। हालांकि 30 लाख नए टेक्नोलॉजी रोल्स के आने की संभावना है, लेकिन रीसकिलिंग, सुरक्षा और भविष्य के स्किल्स को लेकर चुनौतियां बनी हुई हैं।
ServiceNow AI स्किल्स रिसर्च 2025 के अनुसार, भारतीय कार्यबल एक बड़े बदलाव के कगार पर है। विनिर्माण क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित होगा, जहां 80 लाख पदों में परिवर्तन आने की संभावना है। रिटेल सेक्टर दूसरे नंबर पर है जहां 76 लाख नौकरियां प्रभावित होंगी, जबकि शिक्षा क्षेत्र में 25 लाख भूमिकाएं बदल सकती हैं। यह बदलाव Agentic AI के बढ़ते इस्तेमाल के कारण हो रहा है, जो स्वायत्त निर्णय लेने और कार्यों को पूरा करने में सक्षम है।
क्या है Agentic AI?
Agentic AI ऐसी Artificial Intelligence प्रणालियों को कहते हैं जो बिना किसी Step-By-Step निर्देश के स्वायत्त रूप से निर्णय ले सकती हैं और कार्यों को पूरा कर सकती हैं। ये सिस्टम Reasoning, Memory और Planning क्षमताओं को जोड़कर Complex Workflows को Manage कर सकते हैं, जैसे सप्लाई चेन प्रबंधन या कस्टमर सर्विस को Automate करना।
नए अवसर
नौकरियों के विस्थापन की चिंता के बावजूद, यह बदलाव नए मौके भी पैदा कर रहा है। 2030 तक 30 लाख से अधिक नई टेक्नोलॉजी नौकरियां जोड़ी जा सकती हैं, जो भारत के लेबर-सेंट्रिक से डिजिटल इकोनॉमी की ओर बढ़ने को दर्शाता है। कुल मिलाकर 1.03 करोड़ से अधिक भूमिकाएं AI के कारण रीडिफाइंड होंगी।
भारत में AI को अपनाने की रफ़्तार तेज हो रही है। कंपनियां अपने 13.5% टेक बजट का AI पहलों पर खर्च कर रही हैं। करीब 25% भारतीय उद्यम Transformation Phase में हैं, जो सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से आगे है। ये कंपनियां AI Configurators, Data Scientists और Experience Designers जैसी भूमिकाओं पर फोकस कर रही हैं।
चुनौतियां और भविष्य
इस प्रगति के बावजूद, कुछ बड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं। 30% संगठनों के लिए डेटा सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता है, जबकि 26% को भविष्य के स्किल्स के बारे में स्पष्टता नहीं है। ये अंतर एक सुचारु कार्यबल परिवर्तन के लिए स्ट्रक्चर्ड रीसकिलिंग पाथवे की जरूरत को उजागर करते हैं।
जिन कंपनियों ने AI को अपना लिया है, उन्होंने 63% तक उत्पादकता में वृद्धि देखी है। यह बदलाव अब पायलट प्रोजेक्ट्स से आगे बढ़कर ऑपरेशनल इंटीग्रेशन की ओर है। भारत की डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर परिपक्व हो रही है, जो इस Transformation को गति दे रही है।
भारत को AI क्रांति का नेतृत्व करने के लिए ट्रस्ट बनाना, कर्मचारियों में स्वायत्तता को बढ़ावा देना और Human-AI Collaboration के लिए समावेशी रणनीतियां विकसित करनी होंगी।