
GST on tyre
भारत में Automotive Tyre Manufacturers Association (ATMA) ने सरकार से वाहनों के टायरों पर लगने वाले GST को कम करने की मांग की है। ATMA चाहता है कि इसे मौजूदा 28% से घटाकर 5% कर दिया जाए। उनका तर्क है कि टायरों को luxury goods की तरह नहीं देखना चाहिए, क्योंकि ये परिवहन, कृषि, खनन और निर्माण जैसे महत्वपूर्ण sectors के लिए essential हैं।
अभी, ज़्यादातर automotive tyres पर 28% GST लगता है, जो उच्चतम टैक्स स्लैब है। इसके विपरीत, ट्रैक्टर के टायरों पर 18% और aircraft tyres पर केवल 5% टैक्स लगता है। ATMA ने एक बयान में इस विसंगति की ओर ध्यान दिलाया है। संगठन का मानना है कि tyres देश के हर कोने में लोगों और सामान की आवाजाही के लिए बहुत ज़रूरी हैं।
GST दर में कमी से परिवहन, कृषि, खनन और निर्माण जैसे sectors को बड़ी राहत मिलेगी। इन sectors के operating expenditure में टायर एक महत्वपूर्ण घटक होते हैं। 5% की कम GST दर छोटे व्यापारियों, किसानों और उद्यमों को बहुत मदद करेगी जो किफ़ायती परिवहन पर निर्भर करते हैं।
टायर निर्माताओं के संघ ने यह भी कहा कि automotive tyres पर GST कम करने से गाड़ियों के चलाने की लागत सीधे कम होगी। इससे logistics costs भी नीचे आएंगी, जिसका फ़ायदा किसानों, छोटे व्यापारियों, सेवा प्रदाताओं और infrastructure व mining sectors को मिलेगा।
ATMA के चेयरमैन अरुण मैमन ने कहा, “Tyres भारत भर में लोगों और सामान की आवाजाही के लिए बहुत ज़रूरी हैं। कृषि, logistics efficiency और infrastructure जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को समर्थन देने में उनकी आवश्यक भूमिका को देखते हुए, टायरों को luxury goods के बराबर नहीं मानना चाहिए।”
ATMA ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र में इस बात पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि tyres सभी segments के गतिशीलता के लिए एक essential enabler हैं। इनमें ट्रक, बसें, passenger car, दो और तिपहिया वाहन, ट्रैक्टर, construction और mining equipment शामिल हैं। इसलिए, प्रस्तावित GST rate rationalisation exercise के तहत उन पर बहुत कम taxation होना चाहिए। ATMA का यह भी कहना है कि tyres की महत्वपूर्ण भूमिका है और इन्हें luxury item मानना गलत होगा।
ATMA ने एक और चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि दर बदलने के बाद टायर डीलरों के पास unutilised Input Tax Credit (ITC) जमा हो सकता है। यह working capital blockage का कारण बन सकता है। इस समस्या से बचने के लिए, ATMA ने सिफारिश की है कि संशोधित दरों की घोषणा जल्द से जल्द की जाए। साथ ही, GST rationalisation से उत्पन्न unutilised ITC का एकमुश्त refund भी दिया जाए। यह Dealers के लिए बहुत ज़रूरी होगा ताकि उन्हें वित्तीय समस्याओं का सामना न करना पड़े।
ATMA की यह मांग GST Council की बैठक से ठीक पहले आई है। GST Council की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करती हैं और इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्री शामिल होते हैं। यह बैठक 3 और 4 सितंबर को होनी है। इस बैठक में केंद्र द्वारा प्रस्तावित reforms पर चर्चा की जाएगी, जिसमें ज़्यादातर सामानों पर 5% या 18% टैक्स लगाने का सुझाव दिया गया है। ATMA को उम्मीद है कि Council उनकी बात सुनेगी और tyres पर GST कम करने पर विचार करेगी, जिससे देश के कई vital sectors को फ़ायदा होगा।
इस कदम से न केवल टायर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि परिवहन की लागत कम होने से आम आदमी को भी फ़ायदा होगा। यह अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक कदम होगा और देश के विकास में अहम भूमिका निभाएगा।