
हाल ही में बिहार में कांग्रेस की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माँ के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया। इस घटना से PM मोदी काफी आहत हुए हैं। उन्होंने मंगलवार को कहा कि वे भले ही राजद और कांग्रेस को माफ कर दें, लेकिन बिहार की जनता उन्हें मेरी माँ का अपमान करने के लिए कभी माफ नहीं करेगी।
दरभंगा में हुई इस घटना पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो लोग ‘भारत माँ’ का अपमान करते हैं, उनके लिए मेरी माँ के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करना कोई बड़ी बात नहीं है और उन्हें इसकी सजा मिलनी चाहिए।
उन्होंने सवाल किया, “मेरी दिवंगत माँ का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था, तो उनकी क्या गलती थी? उन्हें क्यों गाली दी गई?”
प्रधानमंत्री दिल्ली में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। वे बिहार में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के लिए एक नए cooperative का वर्चुअली उद्घाटन कर रहे थे।
पीएम मोदी ने कहा, “बिहार माँ जानकी की भूमि है… इसने हमेशा महिलाओं का सम्मान किया है। यह वह भूमि है जहाँ छठ पूजा मनाई जाती है। मेरी माँ को राजद और कांग्रेस के मंच से गाली दी गई… मैंने कभी ऐसी बात की कल्पना नहीं की थी… यह बिहार की माताओं और बेटियों का अपमान था… राज्य के लोग उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं अपनी माँ का बेटा हूँ… मैं अपना दर्द आपके साथ साझा कर रहा हूँ।”
प्रधानमंत्री ने अपनी माँ को याद करते हुए भावुक होकर कहा, “मैं देश में महिलाओं के कल्याण के लिए अथक रूप से काम कर रहा हूँ… जिस माँ ने मुझे जन्म दिया, उन्होंने मुझसे मातृभूमि की सेवा करने को कहा, जो मैं कर रहा हूँ। उन्होंने कभी अपने लिए साड़ी नहीं खरीदी और हमारे लिए पैसे बचाए। मुझे कहना होगा कि माँ का स्थान भगवान से भी बढ़कर है।”
मोदी ने कहा कि जो लोग माताओं और बहनों को अपशब्द कहते हैं, वे महिलाओं को कमजोर समझते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे लोगों की मानसिकता महिलाओं को शोषण और उत्पीड़न की वस्तु मानती है। जब भी महिला विरोधी मानसिकता वाले लोग सत्ता में आए हैं, माताओं, बेटियों और बहनों को सबसे अधिक कष्ट सहना पड़ा है। “यह राजद के ‘माफिया राज’ के दौरान हुआ था।”
उन्होंने आगे कहा कि राजद के दौर में बिहार में अपराध चरम पर था और राज्य में हर दिन हत्या, रंगदारी और बलात्कार के मामले सामने आते थे। राजद सरकार ने हत्यारों और बलात्कारियों को संरक्षण दिया। महिलाओं को इसकी मार झेलनी पड़ी… इसलिए महिलाओं ने ही राजद को सत्ता से बेदखल किया और अब regional party उनसे इसका बदला लेना चाहती है।
मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस पिछड़े समुदाय के किसी भी व्यक्ति को सत्ता के पद पर rise करते हुए कभी बर्दाश्त नहीं कर पाई है। यही वजह है कि वे अपशब्दों की बौछार कर रहे हैं।
उन्होंने दोहराया, “मैं उन्हें माफ कर सकता हूँ, लेकिन बिहार के लोग मेरी माँ का अपमान करने के लिए उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। राज्य के लोगों को कहना चाहिए कि वे आने वाले दिनों में इन पार्टियों के नेताओं को सजा देंगे।”
उन्होंने बिहार की जनता से आग्रह किया, “बिहार के लोगों को राजद और कांग्रेस नेताओं से जवाब मांगना चाहिए… हर गली-मोहल्ले में एक ही आवाज सुनाई देनी चाहिए – ‘हम माँ का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे, हम राजद के अत्याचार और कांग्रेस के हमलों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। यह विवाद निश्चित रूप से आगामी चुनावों में एक बड़ा मुद्दा बनेगा।
बिहार की जनता क्या फैसला लेती है, यह देखना दिलचस्प होगा। क्या वे वास्तव में इस अपमान को माफ नहीं करेंगे, या यह चुनाव की राजनीति का सिर्फ एक और पहलू बनकर रह जाएगा? आने वाला समय ही बताएगा।
पीएम मोदी की इस भावनात्मक अपील का जनता पर क्या असर होता है, यह देखने वाली बात होगी। बिहार की राजनीति में यह घटना एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।
महिला सम्मान और politics के बीच चल रहे इस टकराव में, पीएम मोदी की माँ का अपमान निश्चित रूप से एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है।
विपक्षी दलों को इस पर विचार करना होगा कि क्या ऐसी बयानबाजी उनकी छवि के लिए सही है। बिहार की राजनीति में महिलाओं के सम्मान का मुद्दा हमेशा से अहम रहा है।
जनता का फैसला ही अंतिम होगा और यह आने वाले चुनावों में स्पष्ट हो जाएगा कि बिहार के लोग किस ओर जाते हैं और उनके लिए क्या सबसे महत्वपूर्ण है।
कुल मिलाकर, पीएम मोदी की माँ का अपमान एक ऐसा मुद्दा है जो बिहार की राजनीति में गहरा असर छोड़ेगा और इस पर आगे भी चर्चा जारी रहेगी। बिहार की जनता इस घटना को कैसे देखती है, यह आगामी elections में साफ हो जाएगा। इस मुद्दे पर जनता का फैसला क्या होता है, यह देखना महत्वपूर्ण रहेगा।
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह घटना voters की सोच को प्रभावित करती है या नहीं। यह एक अहम politics मुद्दा बन चुका है।