
Tejasvi yadav
बिहार की राजनीति में इन दिनों घमासान मचा हुआ है। राहुल गांधी के नेतृत्व में INDIA गठबंधन की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के पटना में समाप्त होने के ठीक एक दिन बाद, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं।
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट लिखकर राज्य सरकार के अधीन विभागों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि वरिष्ठ इंजीनियरों ने ‘अवैध’ तरीकों से अरबों रुपये कमाए हैं। तेजस्वी यादव ने NDA सरकार में ‘संस्थागत भ्रष्टाचार’ की ओर इशारा किया है।
उन्होंने अपने आरोप में दावा किया, ‘आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने कथित तौर पर एक इंजीनियर के घर से 13 करोड़ रुपये नकद बरामद किए। रेड के दौरान परिवार के सदस्यों ने लगभग 10 करोड़ रुपये के नोट जलाने की कोशिश की थी।’
तेजस्वी ने दावा किया कि उस अधिकारी की कुल संपत्ति 500 करोड़ रुपये की थी। वहीं, एक अन्य इंजीनियर के पास कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की संपत्ति मिली। तीसरे इंजीनियर के पास 300 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की बात कही गई है।
तेजस्वी यादव ने लिखा, ‘ये नीतीश कुमार सरकार द्वारा पाले गए संस्थागत भ्रष्टाचार के सिर्फ तीन छोटे उदाहरण हैं।’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश कैबिनेट के मंत्री टेंडरों से मालामाल हो रहे हैं और ‘प्रमाणित’ भ्रष्ट अधिकारियों और कुख्यात अपराधियों के साथ नियमित रूप से बातचीत करते हैं।
RJD नेता ने मुख्यमंत्री पर भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा: ‘क्या मुख्यमंत्री हर सुबह और शाम को ग्लोबल टेंडरिंग से अमीर हुए मंत्री के घर हिसाब-किताब तय करने जाते हैं?’ RJD नेता ने आगे आरोप लगाया कि बिहार के 14 करोड़ लोग पुलिस थानों और ब्लॉक कार्यालयों में फैले व्यापक रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के गवाह हैं।
एक दिन पहले, तेजस्वी ने नीतीश कुमार को ‘नैतिक भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह’ बताया था। उन्होंने दावा किया था कि इंजीनियरों के घरों से 100 करोड़ रुपये की बरामदगी सिर्फ ‘हिमशैल का ऊपरी सिरा’ है।
उन्होंने JD(U)-BJP सरकार को ‘नकलची सरकार’ बताते हुए भी मज़ाक उड़ाया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार RJD के वादों की नकल कर रही है। यादव ने कहा, ‘जब हमने कहा कि हम पेंशन बढ़ाएंगे, तो सरकार ने भी वही घोषणा की। जब हमने कहा कि हम मुफ्त बिजली देंगे, तो उन्होंने भी इसकी नकल की। यह सरकार हमारी नकल कर सकती है, लेकिन यह दूरदर्शिता नहीं ला सकती।’
पटना में एक बड़ी विपक्षी रैली के ठीक 24 घंटे बाद ये नए आरोप सामने आए हैं। इस रैली में राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेना (UBT) के संजय राउत, NCP (शरद पवार) की सुप्रिया सुले, और अन्य INDIA गठबंधन के नेताओं ने NDA सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए संयुक्त रूप से हमला बोला था।
जैसे-जैसे चुनाव का मौसम नजदीक आ रहा है, भ्रष्टाचार एक बार फिर बिहार के राजनीतिक विमर्श में केंद्रीय विषयों में से एक के रूप में उभरा है। दोनों पक्ष अपने हमलों को तेज कर रहे हैं और जनता के बीच अपनी बात मजबूती से रखने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार की जनता अब यह देखना चाहेगी कि इन आरोपों और पलटवारों का उनकी जिंदगियों पर क्या असर पड़ता है और कौन सा पक्ष उनकी उम्मीदों पर खरा उतरता है।