
हाल ही में, भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग से मुलाकात की, जिसमें दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब भारत और सिंगापुर अपने राजनयिक संबंधों के 60 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। यह एक ऐसा महत्वपूर्ण पल है जो दोनों देशों के बीच मजबूत और पुराने संबंधों को दर्शाता है।
वित्त मंत्रालय ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि चर्चा का मुख्य बिंदु व्यापार और निवेश, fintech, कौशल विकास (skill development), स्थिरता (sustainability), स्वास्थ्य सेवा (healthcare) और कनेक्टिविटी सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना था। दोनों ही पक्षों ने इन क्षेत्रों में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और सहयोग गहरा करने पर सहमति व्यक्त की।
यह कोई सामान्य बैठक नहीं थी, बल्कि दोनों देशों के भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखने का प्रयास था। इस बैठक में सिंगापुर की ओर से परिवहन के कार्यवाहक मंत्री और वित्त राज्य के वरिष्ठ मंत्री जेफरी सिओव और विदेश मामलों तथा व्यापार एवं उद्योग राज्य मंत्री गान सिओ हुआंग भी उपस्थित थे। यह उच्च स्तरीय उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि दोनों देश इस साझेदारी को कितनी गंभीरता से ले रहे हैं।
वित्त मंत्रालय ने अपनी पोस्ट में कहा, “केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में सिंगापुर के प्रधानमंत्री एच.ई. श्री लॉरेंस वोंग से मुलाकात की। केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री के रूप में श्री लॉरेंस वोंग की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा का स्वागत किया। श्री लॉरेंस वोंग की यह यात्रा, भारत-सिंगापुर राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के साथ मिलकर, साझेदारी को और मजबूत करने के लिए दोनों देशों की निरंतर प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।” यह दर्शाता है कि यह मुलाकात केवल रस्म अदायगी नहीं थी, बल्कि एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारी का हिस्सा थी।
मंत्रालय की पोस्ट में आगे कहा गया है, “सिंगापुर की ओर से, श्री जेफरी सिओव, परिवहन के कार्यवाहक मंत्री और वित्त राज्य के वरिष्ठ मंत्री, और सुश्री गान सिओ हुआंग, विदेश मामलों तथा व्यापार एवं उद्योग राज्य मंत्री, भी बैठक में शामिल हुए। चर्चा व्यापार और निवेश, fintech, skill development, sustainability, healthcare और कनेक्टिविटी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर केंद्रित थी। दोनों पक्षों ने इन क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने पर सहमति व्यक्त की।” यह स्पष्ट करता है कि बैठक में किन विशेष विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने भी अपने सोशल मीडिया पोस्ट में केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ हुई बैठक पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पिछले महीने आयोजित भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज के तीसरे दौर के परिणामों पर भी चर्चा हुई। वोंग ने अपनी पोस्ट में कहा, “भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ फिर से जुड़कर खुशी हुई। हमने हाल ही में आयोजित तीसरे भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज के परिणामों और सीमा पार डेटा प्रवाह (cross border data flows) और पूंजी बाजार (capital markets) में सहयोग करने की हमारी रुचि पर चर्चा की।” यह वित्तीय साझेदारी के महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करता है। इन चर्चाओं से भारत-सिंगापुर आर्थिक संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है।
सिंगापुर के प्रधानमंत्री वर्तमान में तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत में हैं। इस दौरान वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने का एक बड़ा अवसर है। इससे पहले, वोंग दिल्ली हवाई अड्डे पहुंचे, जहां वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने उनका स्वागत किया।
यह प्रधानमंत्री के रूप में वोंग की भारत की पहली यात्रा है। उनके साथ उनकी पत्नी और कैबिनेट मंत्रियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी है। 4 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी और उनके सिंगापुर समकक्ष के बीच द्विपक्षीय वार्ता होनी है। प्रधानमंत्री वोंग राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री वोंग से मुलाकात करेंगे। इन मुलाकातों से भारत-सिंगापुर साझेदारी के हर पहलू पर चर्चा होगी और दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे। यह यात्रा भारत-सिंगापुर आर्थिक संबंध को एक नई दिशा देगी और सहयोग के नए रास्ते खोलेगी।