
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शनिवार से फिर शुरू हो गई है। बुरे मौसम और लगातार बारिश के कारण यह यात्रा 1 से 5 सितंबर तक रोक दी गई थी।
चार धाम यात्रा चार पवित्र स्थलों की तीर्थयात्रा है। ये स्थल हैं यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ जो हिमालय की ऊंचाइयों में स्थित हैं।
इस बीच, उत्तराखंड सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने केंद्र से विशेष सहायता की मांग की है। उन्होंने इस साल के मॉनसून से हुए नुकसान की भरपाई और भविष्य में बुनियादी ढांचे को संभावित नुकसान से बचाने के लिए 5,702.15 करोड़ रुपये की मांग की है।
इस संबंध में, आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव को एक विस्तृत ज्ञापन भेजा है।
सुमन ने सूचित किया कि इस वर्ष प्राकृतिक आपदा के कारण लोक निर्माण विभाग और सार्वजनिक सड़कों को लगभग 1,163.84 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष नुकसान हुआ है।
सिंचाई विभाग की संपत्तियों को लगभग 266.65 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके बाद ऊर्जा विभाग की संपत्तियों को 123.17 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
स्वास्थ्य विभाग को 4.57 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। स्कूल शिक्षा विभाग की संपत्तियों को 68.28 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
उच्च शिक्षा विभाग की संपत्तियों को 9.04 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मत्स्य पालन विभाग की संपत्तियों को 2.55 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
ग्रामीण विकास विभाग को 65.50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। शहरी विकास विभाग को 4 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
पशुपालन विभाग को 23.06 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अन्य विभागीय संपत्तियों को 213.46 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
सभी सरकारी विभागों को लगभग 1,944.15 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष नुकसान हुआ है।
चार धाम यात्रा का फिर से शुरू होना तीर्थयात्रियों के लिए एक राहत की खबर है। हालांकि, मॉनसून से हुए भारी नुकसान ने राज्य सरकार की चुनौतियों को बढ़ा दिया है।
राज्य सरकार ने केंद्र से मदद की उम्मीद जताई है। इस सहायता से नुकसान की भरपाई और भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को मौसम की स्थिति पर नजर रखने की सलाह दी जाती है। स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में तीर्थयात्रा का महत्वपूर्ण योगदान है। यात्रा का सुचारू रूप से चलना राज्य के लिए जरूरी है।
बारिश के कारण हुए नुकसान ने बुनियादी ढांचे को प्रभावित किया है। सरकार इनकी मरम्मत और पुनर्निर्माण पर ध्यान दे रही है।
तीर्थयात्रियों का उत्साह देखते हुए यात्रा के पूरी तरह से सामान्य होने की उम्मीद है। स्थानीय व्यवसाय भी यात्रियों के आगमन से राहत महसूस कर रहे हैं।