
मुंबई के सबसे प्रसिद्ध गणेश प्रतिमा, लालबागचा राजा के विसर्जन जुलूस के दौरान चोरी की कई घटनाएं हुई हैं। भीड़ का फायदा उठाते हुए अवसरवादी अपराधियों ने भक्तों के मोबाइल फोन और सोने के चेन चुरा लिए। यह घटना उत्सव के माहौल में एक काले बादल की तरह आई।
लाखों भक्त इस भव्य विसर्जन जुलूस में शामिल हुए, जो लालबाग से शुरू होकर गिरगांव चौपाटी पर खत्म हुआ। करीब 32 से 35 घंटे तक चले इस आयोजन में भीड़ इतनी ज़्यादा थी कि चोर आसानी से अपना काम करने में सफल रहे।
मुंबई पुलिस के मुताबिक, जुलूस के दौरान 100 से अधिक मोबाइल फोन चोरी की शिकायतें दर्ज की गई हैं। पीड़ित भक्तों की लंबी कतारें कालाचौकी पुलिस स्टेशन के बाहर देखी गईं, जहाँ वे शिकायत दर्ज करा रहे थे।
अब तक 10 मामले दर्ज किए गए हैं, चार चोरी हुए फोन बरामद किए गए हैं, और चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, कम से कम सात मामले गोल्ड चेन स्नैचिंग के दर्ज किए गए हैं।
पुलिस ने दो चेन बरामद किए हैं और 12 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पुलिस जांच के मुताबिक, हर साल गणेश विसर्जन के मौके पर सक्रिय होने वाले कई गिरोह इन चोरियों के पीछे थे।
भीवाड़ा पुलिस ने भी जुलूस के दौरान ड्रोन उड़ाने के मामले में कुछ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं। सुरक्षा कारणों से ड्रोन उड़ाना प्रतिबंधित है।
गणेशोत्सव के दौरान भारी सुरक्षा तैनाती के बावजूद चोरी की इस सीरीज ने गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने माना कि इतनी बड़ी भीड़ में संगठित गिरोहों पर नियंत्रण रखना एक बड़ी चुनौती है।
हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच जारी है और आने वाले दिनों में और बरामदगी की उम्मीद है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और बड़े धार्मिक आयोजनों में बहुमूल्य सामान ले जाने से बचें।
लालबागचा राजा के विसर्जन के दौरान हुई चोरियों ने कई भक्तों के उत्सव के मूड को खराब कर दिया। साथ ही, मुंबई पुलिस के सामने भी एक बड़ी चुनौती पेश की, हालांकि कुछ मामलों में त्वरित कार्रवाई से राहत मिली।
पुलिस की सलाह है कि ऐसे आयोजनों में भीड़ से दूर रहें और अपने सामान का विशेष ध्यान रखें। चोर अक्सर भीड़ में घुलमिल जाते हैं और सही वक्त का इंतज़ार करते हैं।
मोबाइल फोन और ज्वैलरी जैसी चीजों को सुरक्षित जगह पर रखना चाहिए। पुलिस ने CCTV फुटेज की जांच शुरू कर दी है और संदिग्धों की पहचान की जा रही है।
इस घटना ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आयोजनों के दौरान और सख्ती बरतने की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
भक्तों का उत्साह कम न हो, इसके लिए बेहतर प्रबंधन आवश्यक है। पुलिस और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा।
आम जनता भी सजग रहे और किसी भी संदिग्ध हरकत की सूचना तुरंत पुलिस को दे। इससे अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलेगी।
उम्मीद है कि आने वाले समय में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगेगा और उत्सव का मजा कायम रहेगा।