
नई दिल्ली से आई खबर ने वैश्विक वित्तीय जगत में एक नई उम्मीद जगा दी है। हाल ही में दुबई में हुए 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में UPI-UPU इंटीग्रेशन प्रोजेक्ट का अनावरण किया गया। इस पहल के माध्यम से अब भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI को दुनिया के 192 देशों तक ले जाने की योजना बनाई गई है। यह कदम न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि आर्थिक और सामाजिक बदलाव भी ला सकता है।
संचार और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस प्रोजेक्ट की घोषणा की। उनके अनुसार यह पहल करोड़ों लोगों के लिए क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स को आसान और तेज बनाएगी। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि भारत नवाचार और तकनीक को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस इवेंट में भारत ने अपनी नेतृत्वकारी भूमिका को स्पष्ट किया।
यह प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट्स, एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड और यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के सहयोग से विकसित किया गया है। इस साझेदारी से UPI को UPU इंटरकनेक्शन प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा। डाक नेटवर्क की पहुंच और UPI की गति व सुलभता को मिलाकर एक नया रास्ता तैयार किया जाएगा। यह समाधान विशेष रूप से भारतीय प्रवासियों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
सिंधिया ने इस अवसर पर 10 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह राशि ई-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट्स जैसे क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल होगी। भारत सरकार का नारा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ भी इस पहल में झलकता है।
भारत ने इस कार्यक्रम में अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता भी मजबूत की। सिंधिया ने बताया कि भारत यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की काउंसिल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन और पोस्टल ऑपरेशंस काउंसिल में अपनी उम्मीदवारी पेश करेगा। इससे वैश्विक डाक समुदाय में भारत की सक्रिय भूमिका को और मजबूती मिलेगी।
UPI-UPU इंटीग्रेशन प्रोजेक्ट को क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा प्रवाह को आसान करेगा। साथ ही प्रवासी भारतीयों के परिवारों को भी इससे बड़ी राहत मिलेगी। भुगतान की प्रक्रिया पहले से ज्यादा सुरक्षित और किफायती हो जाएगी।
भारत पोस्ट, एनपीसीआई और UPU के बीच यह साझेदारी नए अवसरों को जन्म देगी। खासकर उन देशों के लिए जहां वित्तीय ढांचा अभी विकसित हो रहा है। भारत का अनुभव और विशेषज्ञता इस दिशा में मार्गदर्शक बन सकती है।
भारत की इस पहल से डिजिटल इंडिया अभियान को भी मजबूती मिलेगी। UPI पहले से ही देश के भीतर पेमेंट्स में क्रांति ला चुका है। अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके विस्तार से भारत की तकनीकी शक्ति का प्रदर्शन होगा।
इस प्रोजेक्ट से ई-कॉमर्स सेक्टर को भी काफी लाभ होगा। सीमा पार कारोबार करने वाले व्यापारी और ग्राहक अब तेज और भरोसेमंद लेन-देन कर पाएंगे। इससे न केवल व्यापार बढ़ेगा बल्कि छोटे और मध्यम व्यवसायों को भी वैश्विक मंच मिलेगा।
सिंधिया ने कार्यक्रम में कहा कि भारत हमेशा अपने संसाधन और विशेषज्ञता साझा करने के लिए तैयार है। इस दृष्टिकोण ने भारत को वैश्विक स्तर पर विश्वास और मित्रता अर्जित करने में मदद की है। इस पहल से भारत की छवि और भी मजबूत होगी।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल इस अवसर पर 192 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से भी सक्रिय रूप से मिला। उन्होंने भारतीय अनुभव साझा किया और नई साझेदारियों के रास्ते खोले। इन चर्चाओं से भविष्य में और अधिक सहयोग की संभावना बनेगी।
UPI-UPU इंटीग्रेशन से विदेशों में काम करने वाले भारतीय मजदूरों और पेशेवरों को भी राहत मिलेगी। वे कम शुल्क और तुरंत ट्रांसफर की सुविधा से अपने परिवारों को पैसे भेज पाएंगे। यह सुविधा ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए समान रूप से लाभकारी होगी।
इस कदम से भारत को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी। डिजिटल पेमेंट्स के क्षेत्र में भारत की ताकत अब सीमाओं से परे जाएगी। UPI अपडेट इस दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है।
भारत ने दिखा दिया है कि तकनीक और नवाचार के सही इस्तेमाल से दुनिया को जोड़ा जा सकता है। UPI अपडेट अब 192 देशों तक डिजिटल लेन-देन का नया अध्याय लिखने जा रहा है। इससे न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि लोगों का जीवन भी आसान बनेगा।