
केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन बिहार को एक विकसित राज्य बनाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विपक्ष पर विशेष गहन संशोधन और संविधान जैसे मुद्दों से जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाया।
पासवान ने पटना में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के तीसरी बार शपथ लेने के बाद कई विकासात्मक परियोजनाओं को जमीन पर लागू किया गया है। विपक्ष इन सब चीजों को नहीं देखता और केवल जनता को भ्रमित करना चाहता है।
उन्होंने कहा कि यह विपक्ष की सोच है और इसने बिहार को नुकसान पहुंचाया है। वहीं, एनडीए की सभी पार्टियां बिहार को विकसित राज्य बनाने के लक्ष्य के साथ सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रही हैं।
इस बीच, केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी ने आगामी विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के तहत 20 सीटें लड़ने की अपनी मांग दोहराई।
मांझी ने कहा कि यह उनकी पार्टी के लिए एक दो या मरो की स्थिति है। उन्होंने कहा कि अगर एनडीए उनकी पार्टी को पर्याप्त सीटें आवंटित नहीं करता है तो यह उनके लिए गंभीर मामला होगा।
उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी ने अभी तक कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है। लेकिन उन्हें विधानसभा में मान्यता प्राप्त करने के लिए पर्याप्त सीटों की आवश्यकता है।
मांझी ने कहा कि वे एनडीए से पर्याप्त सीटें आवंटित करने का अनुरोध करेंगे। इससे उनकी पार्टी को विधानसभा में मान्यता मिल सकेगी।
तीन सितंबर को जीतन राम मांझी ने आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में 20 सीटों की मांग की थी।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आम लोग और उनके कार्यकर्ता demand करते हैं कि उन्हें ऐसी सीटों की आवश्यकता है जो उनकी गरिमा बनाए रखें।
उन्होंने कहा कि अगर एनडीए के दिल में उनके प्रति सहानुभूति है तो उन्हें कम से कम 20 सीटें देनी चाहिए। इससे उनकी पार्टी को मान्यता मिल सकेगी।
बिहार चुनाव अक्टूबर या नवंबर में होने की उम्मीद है। हालांकि, भारत के चुनाव आयोग ने अभी तक कोई आधिकारिक तिथि घोषित नहीं की है।
एनडीए जिसमें भाजपा, जदयू और एलजेपी शामिल हैं, बिहार में अपना कार्यकाल जारी रखना चाहता है। वहीं, आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों से बना इंडिया गठबंधन नीतीश कुमार को हटाना चाहता है।
243 सदस्यों वाली वर्तमान बिहार विधानसभा में एनडीए के 131 सदस्य हैं। भाजपा के 80, जदयू के 45 और हमएस के 4 विधायक हैं। दो निर्दलीय उम्मीदवारों का भी समर्थन प्राप्त है।
विपक्ष के इंडिया गठबंधन के 111 सदस्य हैं। आरजेडी के 77, कांग्रेस के 19, सीपीआईएमएल के 11, सीपीआईएम के 2 और सीपीआई के 2 विधायक हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी चुनाव बिहार की राजनीति के लिए निर्णायक साबित होंगे। दोनों गठबंधनों के बीच कड़ा मुकाबला ожиित है।
सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही चर्चाएं राजनीतिक गलियारों में जोरों पर हैं। हर पार्टी अपने हितों की रक्षा के लिए प्रयासरत है।