
बेंगलुरु में वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव के बालासुब्रमणियम ने गुरुवार को एक कार्यशाला में GST 2.0 पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 22 सितंबर से व्यापक GST सुधारों की घोषणा की है। ये सुधार तीन स्तंभों पर केंद्रित हैं।
इनमें संरचनात्मक सुधार, दरों का युक्तिसंगतिकरण और प्रक्रिया सुधार शामिल हैं। बालासुब्रमणियम ने कहा कि GST 2.0 का मुख्य उद्देश्य आकांक्षात्मक वस्तुओं को सस्ता बनाना है।
उदाहरण के लिए, कारों जैसी वस्तुओं की कीमतों में कमी लाना एक प्रमुख लक्ष्य है। इस मांग ने GST समिति को तेजी से काम करने के लिए प्रेरित किया है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये सुधार business-oriented हैं। हालांकि, services को उलटे कर ढांचे (IDS) से बाहर रखा गया है।
इसका कारण बताते हुए कहा कि services के मामले में नकली रसीदें बनाना आसान है। इसलिए services को IDS में शामिल नहीं किया गया है।
नीति निर्माताओं, कानूनी विशेषज्ञों और industry leaders ने GST 2.0 को यथासंभव पारदर्शी बनाने पर जोर दिया। उनका मानना है कि पारदर्शिता से व्यवस्था में सुधार आएगा।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के पूर्व सदस्य नगेंद्र कुमार ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि GST के उद्देश्यों को पूरा करने में काफी सफलता मिली है।
GST 2.0 के माध्यम से और अधिक सुधारों की उम्मीद है। यह सुधार देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
कार्यशाला में उपस्थित लोगों ने इस initiative की सराहना की। सभी का मानना था कि यह व्यापार के लिए फायदेमंद होगा।
process improvements पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इससे compliance आसान होगी और समय की बचत होगी।
rate rationalisation से tax structure और सरल बनेगा। इससे common man को भी लाभ मिलेगा।
structural reforms से पूरी system मजबूत होगी। यह long term में economy के लिए अच्छा साबित होगा।
सरकार का यह कदम उपभोक्ताओं और व्यवसायों दोनों के हित में है। affordable goods से demand बढ़ेगी और economy grow करेगी।
GST 2.0 का implementation सही दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसे industry के representatives ने भी सराहा है।
भविष्य में और reforms की संभावना है। सरकार लगातार इस system को improve करने पर काम कर रही है।