
भारत ने 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के लिए एक बड़ा कदम बढ़ाया है। लंदन में मंगलवार को भारतीय अधिकारियों की एक टीम ने कॉमनवेल्थ स्पोर्ट की मूल्यांकन समिति के सामने औपचारिक प्रस्ताव पेश किया।
इस टीम का नेतृत्व गुजरात सरकार के खेल मंत्री हर्ष संघवी और कॉमनवेल्थ गेम्स एसोसिएशन इंडिया की अध्यक्ष पीटी उषा ने किया।
टीम में केंद्र और राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। इनमें युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के सचिव हरि रंजन राव और गुजरात सरकार के प्रमुख सचिव अश्विनी कुमार प्रमुख थे।
2030 का संस्करण कॉमनवेल्थ स्पोर्ट आंदोलन के 100 साल पूरे होने का प्रतीक है। भारत की बिड इस ऐतिहासिक संस्करण की मेजबानी के लिए अहमदाबाद को प्रस्तावित करती है।
प्रस्ताव में अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम, मजबूत परिवहन व्यवस्था और उच्च गुणवत्ता वाले आवास का खाका पेश किया गया है। यह प्रस्ताव गेम्स रीसेट सिद्धांतों के अनुरूप बनाया गया है।
इसमें affordability, inclusivity, flexibility और sustainability पर विशेष जोर दिया गया है। प्रस्ताव पैरा-स्पोर्ट के एकीकरण और मानव अधिकारों की सुरक्षा का वादा करता है।
इसमें जेंडर इक्विटी को बढ़ावा देने और long-term legacy फ्रेमवर्क स्थापित करने की बात कही गई है। इससे खिलाड़ियों, समुदायों और पूरे कॉमनवेल्थ को लाभ मिलेगा।
अहमदाबाद का सफल आयोजन का रिकॉर्ड भारत की उम्मीदवारी को मजबूत करता है। शहर ने आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप और आईपीएल जैसे आयोजनों का सफलतापूर्वक आयोजन किया है।
2022 के नेशनल गेम्स ने भी शहर की क्षमता साबित की है। आने वाले वर्षों में अहमदाबाद कई अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी करेगा।
इनमें एशियन एक्वेटिक्स 2025 और वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स 2029 शामिल हैं। ये आयोजन 2030 तक operational experience बढ़ाने में मदद करेंगे।
गुजरात के खेल मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी गुजरात और भारत के लिए एक गौरवपूर्ण मील का पत्थर होगी। उन्होंने कहा कि ये गेम्स युवाओं को प्रेरित करने और विकसित भारत 2047 के सफर को गति देने का काम करेंगे।
पीटी उषा ने कहा कि भारत की बिड सिर्फ क्षमता के बारे में नहीं बल्कि मूल्यों के बारे में है। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद ग्लासगो 2026 से बैटन लेने के लिए तैयार है।
केंद्र सरकार, गुजरात सरकार और कॉमनवेल्थ गेम्स एसोसिएशन इंडिया के समन्वित समर्थन से यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रस्ताव में compact, sustainable, inclusive और globally impactful गेम्स आयोजित करने की भारत की महत्वाकांक्षा दिखाई देती है।
अहमदाबाद की मेजबानी क्षमता और भारत के खेल infrastructure ने इस प्रस्ताव को मजबूत आधार दिया है। अब मूल्यांकन समिति के फैसले का इंतजार है।