
Manmohan singh
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की 93वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने डॉ. सिंह को विनम्रता और ज्ञान से परिपूर्ण व्यक्तित्व बताया जो शांत गरिमा के साथ रहते थे।
खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए डॉ. सिंह को भारत के आर्थिक परिवर्तन का सौम्य शिल्पी कहा। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह अपने कार्यों से बोलते थे, शब्दों से नहीं।
उनकी आर्थिक सुधारों की दूरदर्शिता ने देश के लिए अवसरों के नए द्वार खोले। इसने एक संपन्न मध्यम वर्ग का निर्माण किया और असंख्य परिवारों को गरीबी से बाहर निकाला।
खड़गे ने डॉ. सिंह की निष्ठा और समावेशिता में गहरी आस्था को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने सुनिश्चित किया कि देश की वृद्धि कल्याणकारी उपायों के साथ चले।
इन उपायों ने लाखों लोगों के जीवन को छुआ। उनकी नेतृत्व शैली ने साबित किया कि सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी संभव है और शक्तिशाली भी।
कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार, डॉ. सिंह भारतीयों की पीढ़ियों के लिए ईमानदारी, बुद्धिमत्ता और राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा के प्रतीक बने रहेंगे। उनकी विरासत एक मजबूत और समावेशी भारत की आकांक्षा के रूप में जीवित रहेगी।
पोस्ट में आगे कहा गया, ‘उनकी जयंती पर हमारी विनम्र श्रद्धांजलि।’ डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को हुआ था। वे एक प्रख्यात अर्थशास्त्री रहे और उन्होंने 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में कार्य किया।
वे भारत के 13वें प्रधानमंत्री थे और उन्होंने 2004 से 2014 तक इस पद पर कार्यभार संभाला। 1991 से 1996 के बीच, उन्होंने भारत के वित्त मंत्री के रूप में सेवा की। इस दौरान उन्होंने व्यापक आर्थिक सुधारों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इन सुधारों ने उन्हें विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। कई लोगों के लिए, उनका नाम उस युग के परिवर्तनकारी बदलावों का पर्याय बन गया है।
उनकी सरकार ने महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की, जैसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA)। बाद में इसका नाम बदलकर MGNREGA कर दिया गया।
2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) भी लागू किया गया। इस अधिनियम ने सरकार और जनता के बीच पारदर्शिता में उल्लेखनीय सुधार किया।
डॉ. सिंह के आर्थिक परिवर्तन के योगदान को आज भी याद किया जाता है। उनकी नीतियों ने देश की अर्थव्यवस्था की दिशा बदल दी।
उनका जीवन और कार्य युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। वे सादगी और ईमानदारी की मिसाल कायम करते हैं।
आज उनकी जयंती पर पूरा देश उनके योगदान को सलाम करता है। उनकी विरासत भारत के विकास पथ को प्रकाशित करती रहेगी।










