
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस और विपक्षी दलों पर जीएसटी दरों में कटौती को लेकर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने टूथपेस्ट से लेकर ट्रैक्टर तक की कीमतों में कमी के उदाहरण देकर अपनी बात रखी।
पीएम मोदी ने यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के उद्घाटन के मौके पर कहा कि तीन दिन पहले ही नेक्स्ट-जनरेशन जीएसटी सुधार लागू किए गए हैं। उन्होंने इन्हें संरचनात्मक बदलाव बताया जो भारत की विकास गाथा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
ये सुधार जीएसटी रजिस्ट्रेशन को आसान बनाएंगे, टैक्स विवादों को कम करेंगे और एमएसएमई को तेजी से रिफंड दिलाएंगे। इससे हर सेक्टर को फायदा होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि इसके बावजूद कुछ राजनीतिक दल देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगी 2014 से पहले सरकार चला रहे थे और अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए झूठ बोल रहे हैं।
सच्चाई यह है कि कांग्रेस सरकारों के दौरान टैक्स के नाम पर खुली लूट मची हुई थी। लूटे गए पैसे की फिर से लूट हो रही थी। देश के आम नागरिक टैक्स के बोझ से त्रस्त थे।
2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी सरकार ने टैक्स में भारी कमी की है, महंगाई पर अंकुश लगाया है और लोगों की आय व बचत दोनों बढ़ाई हैं।
12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स-फ्री करने और नए जीएसटी सुधारों से इस साल अकेले नागरिकों को 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। देश जीएसटी बचत उत्सव मना रहा है।
हितधारकों ने जीएसटी के तीन चरण देखे हैं – जीएसटी से पहले, जीएसटी के बाद और अब नेक्स्ट-जनरेशन जीएसटी सुधार। इनमें जमीन-आसमान का अंतर है।
2014 से पहले कई तरह के टैक्स होने से व्यापारिक खर्च और घरेलू बजट दोनों संभालना मुश्किल था। 1000 रुपये की शर्ट पर 2014 से पहले 170 रुपये टैक्स लगता था।
2017 में जीएसटी आने के बाद यह घटकर 50 रुपये रह गया। 22 सितंबर से लागू नई दरों के साथ अब उसी शर्ट पर सिर्फ 35 रुपये टैक्स है।
पीएम मोदी ने जीएसटी सुधारों के फायदे एक आसान उदाहरण से समझाए। 2014 में टूथपेस्ट, शैंपू, हेयर ऑयल और शेविंग क्रीम पर 100 रुपये खर्च करने पर 31 रुपये टैक्स लगता था, जिससे कुल बिल 131 रुपये बनता था।
2017 में जीएसटी आने के बाद वही सामान 118 रुपये में मिलने लगा, यानी 13 रुपये की सीधी बचत। नए जीएसटी सुधारों के बाद अब यह खर्च घटकर 105 रुपये रह गया है।
2014 की तुलना में कुल 26 रुपये की बचत हो रही है। एक परिवार सालाना 1 लाख रुपये की जरूरत का सामान खरीदता है तो 2014 में उसे 20-25 हजार रुपये टैक्स देना पड़ता था।
नए जीएसटी शासन में वही परिवार अब सालाना सिर्फ 5-6 हजार रुपये टैक्स देता है क्योंकि ज्यादातर जरूरी सामान पर अब केवल 5% जीएसटी है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में ट्रैक्टर के महत्व को रेखांकित करते हुए पीएम ने बताया कि 2014 से पहले ट्रैक्टर खरीदने पर 70 हजार रुपये से ज्यादा टैक्स लगता था। अब उसी ट्रैक्टर पर सिर्फ 30 हजार रुपये टैक्स है।
किसानों को 40 हजार रुपये से ज्यादा की सीधी बचत हो रही है। तीन-पहिया वाहनों पर पहले 55 हजार रुपये टैक्स था जो घटकर 35 हजार रुपये रह गया है। खरीदारों के हाथ में 20 हजार रुपये की बचत आ रही है।
दोपहिया वाहनों पर टैक्स कम होने से स्कूटर अब 2014 की तुलना में 8 हजार रुपये सस्ते हैं। मोटरसाइकिल 9 हजार रुपये कम कीमत पर मिल रही हैं। ये बचत गरीब, नव-मध्यवर्ग और मध्यवर्ग सभी को फायदा पहुंचा रही है।