
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को पश्चिम कार्बी आंगलोंग में मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान के तहत 2,200 स्वयं सहायता समूहों की 19,000 लाभार्थियों को चेक वितरित किए।
इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी को 10,000 रुपये का स्टार्ट-अप कैपिटल प्रदान किया गया।
यह अभियान असम भर की 35 लाख से अधिक महिलाओं को कृषि, पशुपालन और हथकरघा जैसे क्षेत्रों में बीज पूंजी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखता है।
वैसोंग स्टेडियम में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए सरमा ने सभी लाभार्थियों से आग्रह किया कि वे इस राशि का उपयोग उत्पादक गतिविधियों के लिए करें।
उन्होंने कहा कि इससे महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगी और अपने परिवारों के विकास में योगदान दे सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि लाभार्थी इस राशि का उपयोग व्यक्तिगत रूप से या समूह के साथ मिलकर व्यावसायिक गतिविधियों के लिए कर सकती हैं।
यह फंड लाभार्थी के परिवार का कोई सदस्य भी व्यवसाय के लिए उपयोग कर सकता है।
दुर्गा पूजा के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्गा मातृ शक्ति का प्रतीक हैं।
उन्होंने कहा कि जब भी महिलाओं की शक्ति बढ़ती है, समाज में परिवर्तन आता है।
असम की इस पहल से प्रेरित होकर बिहार ने भी हाल ही में ऐसी ही एक योजना शुरू की है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अभियान के तहत राज्य सरकार ने स्वयं सहायता समूहों का गठन किया है।
महिलाओं को रिवॉल्विंग फंड और बैंक ऋण से जोड़कर सशक्त बनाया जा रहा है।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उद्यमी महिलाओं को लाखपति बनाना है।
असम में लगभग आठ लाख महिलाएं अपने उद्यमशीलता के कार्यों से प्रति वर्ष लगभग एक लाख रुपये कमा रही हैं।
लगभग एक लाख महिलाएं प्रति वर्ष दस लाख रुपये से अधिक कमा रही हैं।
कुछ महिलाएं तो महालक्ष्मी बनने में सफल हो चुकी हैं।
महिलाएं मधुमक्खी पालन, डेयरी उत्पादन जैसे छोटे व्यवसाय चला सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार इस अभियान के माध्यम से महिलाओं की उद्यमशीलता को आगे बढ़ाने में सहायता करना चाहती है।
उन्होंने महिला लाभार्थियों से आग्रह किया कि वे इस राशि का उपयोग आय सृजन के कार्यों के लिए करें।
सरमा ने विस्तार से बताया कि यदि महिला लाभार्थी पहली किस्त के 10,000 रुपये का सही उपयोग करती हैं तो दूसरे वर्ष उन्हें बैंक सहायता से 25,000 रुपये मिलेंगे।
यदि वे 25,000 रुपये का उत्पादक कार्यों में निवेश करती हैं तो तीसरे वर्ष उन्हें 50,000 रुपये मिलेंगे।
30 लाख महिलाओं को 10,000 रुपये की बीज पूंजी देने पर राज्य सरकार पर 3,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
अगले वर्ष इन्हीं महिलाओं को 25,000 रुपये देने के लिए 7,500 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।
50,000 रुपये के समर्थन के लिए राज्य सरकार 16,000 करोड़ रुपये का खर्च वहन करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस राशि को खर्च करके खुश होगी क्योंकि इससे महिलाएं लाखपति बन सकेंगी।
सरमा ने यह भी घोषणा की कि 7 अक्टूबर से ओरुनोदोई योजना के तहत महिलाओं को प्रति माह 1,250 रुपये मिलेंगे।
उज्ज्वला गैस कार्ड वाले परिवारों को गैस सिलेंडर खरीदने के लिए 250 रुपये की सब्सिडी मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 नवंबर से राशन कार्ड धारकों को चावल के साथ दाल, चीनी और नमक भी सब्सिडी दर पर मिलेगा।
सरकार सब्सिडी वाली खाद्य तेल की भी व्यवस्था करेगी।
इस अवसर पर कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य तुलिराम रोंघांग, खेल और युवा कल्याण मंत्री नंदिता गार्लोसा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इससे पहले मुख्यमंत्री सरमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात के 126वें एपिसोड को सुना।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान भारत रत्न भूपेन हजारिका को श्रद्धांजलि दी और उनके प्रसिद्ध गीत मनुहे मौहोर बाबा का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने असम के प्रिय सांस्कृतिक प्रतीक जुबिन गर्ग को भी श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि यह गायक असम की सांस्कृतिक भावना का स्थायी प्रतीक बना रहेगा।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री सरमा ने हमरेन में 100 बिस्तरों वाले पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिला अस्पताल का उद्घाटन किया।
यह अस्पताल पश्चिम कार्बी आंगलोंग में स्वास्थ्य सेवा ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लगभग 30 करोड़ रुपये की लागत से बना यह तीन मंजिला अस्पताल 62 बीघा जमीन पर बना है।
इसकी निर्मित क्षेत्रफल 81,055 वर्ग फुट है।
अस्पताल में आपातकालीन देखभाल, सामान्य चिकित्सा, सर्जरी, प्रसूति और स्त्री रोग जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
बाल रोग, रेडियोलॉजी, ईएनटी, त्वचाविज्ञान, दंत चिकित्सा, नेत्र विज्ञान, मनोरोग और फिजियोथेरेपी की भी सुविधाएं हैं।
अस्पताल में ऑपरेटिंग थिएटर, प्रयोगशालाएं, फार्मेसी, ईसीजी, एक्स-रे, आईसीयू, ब्लड बैंक भी हैं।
पुरुषों और महिलाओं के लिए सामान्य वार्ड, छह निजी वार्ड और दो सम्मेलन हॉल भी बनाए गए हैं।
डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए आवासीय क्वार्टर भी उपलब्ध कराए गए हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के रूप में इस अस्पताल की नींव रखी थी।
अब मुख्यमंत्री के रूप में दुर्गा पूजा के महा षष्ठी के शुभ अवसर पर इसे जनता को समर्पित करते हुए वे गर्व महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने घोषणा की कि हमरेन में एक जीएनएम नर्सिंग स्कूल स्थापित किया जाएगा।
इससे स्थानीय लड़कियों को नर्सिंग शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
अस्पताल के भीतर ही कक्षाएं बना दी गई हैं और हॉस्टल तैयार होते ही नर्सिंग संस्थान operational हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दिसंबर तक अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन भी operational हो जाएगी।
डोंगकामुकम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डायलिसिस यूनिट पहले ही स्थापित की जा चुकी है।
यदि जनता की मांग हो तो सरकार हमरेन अस्पताल में भी ऐसी ही सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा शुरू करने के प्रयास चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने इस नए जिला अस्पताल के उद्घाटन पर डॉक्टरों और नर्सों को बधाई दी।
उन्होंने 100 बिस्तरों वाले जिला अस्पताल से जुड़े चिकित्सा समुदाय से रोगियों की सेवा के लिए खुद को समर्पित करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य तुलिराम रोंघांग सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।