Vijayadashami (Dussehra) 2025 बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व

Vijayadashami
विजयादशमी (दशहरा) 2025
विजयादशमी, जिसे दशहरा के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार नवरात्रि और दुर्गा पूजा के समापन पर मनाया जाता है। विजयादशमी अच्छाई की बुराई पर जीत और सत्य की असत्य पर विजय का प्रतीक है। देश के हर कोने में इसे अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।

विजयादशमी का धार्मिक महत्व बेहद गहरा है।
- राम-रावण कथा: त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर माता सीता को मुक्त कराया था। इस घटना को याद करने के लिए रावण दहन किया जाता है।
- दुर्गा-महिषासुर कथा: पौराणिक कथाओं के अनुसार, माँ दुर्गा ने नौ दिनों तक युद्ध करके महिषासुर राक्षस का वध किया था। इसीलिए इसे शक्ति की विजय का दिन भी कहा जाता है।
- उत्तर भारत: रावण दहन और रामलीला मुख्य आकर्षण होते हैं।
- पश्चिम बंगाल: दुर्गा पूजा का समापन और माँ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन।
- दक्षिण भारत: विद्यारंभ और शस्त्र पूजन का महत्व है।
- महाराष्ट्र और गुजरात: लोग इस दिन सोने के पत्ते (आप्टे के पत्ते) एक-दूसरे को देकर शुभकामनाएं देते हैं।
विजयादशमी केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन में आशा और प्रेरणा का दीपक जलाने वाला पर्व है। यह हमें सिखाता है कि सत्य, साहस और धर्म की राह पर चलकर हम हर कठिनाई और बुराई को हरा सकते हैं।
- देशभर में रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान राम की कथा का मंचन होता है।
- दिल्ली और वाराणसी जैसी जगहों पर भव्य रावण दहन के कार्यक्रम होते हैं।
- बंगाल, असम और ओडिशा में यह दिन दुर्गा विसर्जन के रूप में मनाया जाता है।
- कई लोग इस दिन अपने बच्चों को शिक्षा की शुरुआत कराते हैं, जिसे ‘विद्यारंभ’ कहा जाता है।
- किसान इस दिन हल, औजार और खेत की पूजा करते हैं।