
कांग्रेस ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। पार्टी ने चुनाव आयोग से सवाल किया कि बिहार की मतदाता सूची से कितने गैर-नागरिकों को हटाया गया।
यह सवाल विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि चुनाव सुधारों की बहुत चर्चा हुई थी। कांग्रेस का मानना है कि आयोग ने पारदर्शिता नहीं दिखाई।
पार्टी ने कहा कि SIR अभ्यास की बहुत आवश्यकता बताई गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची से गैर-नागरिकों को हटाना था।
लेकिन चुनाव आयोग ने अभी तक कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया। यह जानकारी देश के लिए बेहद जरूरी थी।
कांग्रेस ने इस मामले में आयोग की ईमानदारी पर सवाल उठाए। पार्टी का कहना है कि आयोग में साहस की कमी दिख रही है।
अगर आयोग ने यह आंकड़ा जारी किया होता तो स्थिति और स्पष्ट होती। इससे पारदर्शिता बढ़ती और जनता को सही जानकारी मिलती।
विपक्षी दल का मानना है कि इस मामले में आयोग पहले ही काफी बेनकाब हो चुका है। नई जानकारी से स्थिति और भी स्पष्ट हो जाती।
बिहार की मतदाता सूची में सुधार की प्रक्रिया पर नजर रखना जरूरी है। यह लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक कदम है।
चुनाव आयोग को इस मामले में और पारदर्शिता दिखानी चाहिए। देश के नागरिकों को पता होना चाहिए कि मतदाता सूची कितनी शुद्ध है।
कांग्रेस की यह चिंता वाजिब लगती है क्योंकि चुनावी प्रक्रिया की शुद्धता जरूरी है। हर मतदाता का यह अधिकार है कि उसे सही जानकारी मिले।
इस मामले में जल्द ही कोई निर्णय होना चाहिए। चुनाव आयोग को अपनी भूमिका निभानी चाहिए और जानकारी साझा करनी चाहिए।
लोकतंत्र में पारदर्शिता सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। मतदाता सूची की शुद्धता इसका आधार बनती है।
अब देखना यह है कि चुनाव आयोग इस मामले में क्या कदम उठाता है। देश की जनता बेसब्री से इसकी प्रतीक्षा कर रही है।