
बिहार विधानसभा चुनावों से पहले राज्य कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने स्पष्ट किया कि महागठबंधन में सीट बंटवारे पर बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि गठबंधन में किसी प्रकार का मतभेद नहीं है और एक अच्छी सरकार बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
कृष्णा अल्लावारू ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीट आवंटन का फैसला होने के बाद सूची जारी की जाएगी। उनका प्रयास गठबंधन को नुकसान पहुंचाए बिना बिहार की जनता के लिए एक बेहतर सरकार बनाना है।
सोमवार को कांग्रेस नेता मनोज कुमार ने महागठबंधन की शीर्ष नेतृत्व से आग्रह किया कि वे आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे की व्यवस्था जल्द घोषित करें।
कुमार ने संकेत दिया कि विपक्ष की सीट बंटवारे की रणनीति मंगलवार को घोषित की जा सकती है। उन्होंने मीडिया को बताया कि उन्हें अपने नेताओं पर पूरा भरोसा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, लालू यादव और तेजस्वी यादव में उनकी पूरी आस्था है। उन्होंने नेतृत्व से अनुरोध किया कि वे सीट बंटवारे का फैसला जल्द से जल्द अंतिम रूप दें।
मनोज कुमार ने कहा कि लोगों को लग सकता है कि देरी हो रही है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए बैठकें हो रही हैं कि किसी के साथ अन्याय न हो। उनके अनुसार, सीट बंटवारे की घोषणा मंगलवार तक हो जाएगी।
वहीं दूसरी ओर, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने रविवार को आगामी बिहार चुनावों के लिए सीट बंटवारे की घोषणा कर दी। भाजपा और जदयू प्रत्येक 101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।
एलजेपी (राम विलास) 29 सीटों पर, राष्ट्रीय लोक मोर्चा 6 सीटों पर और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा भी 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। यह घोषणा बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में की।
तावड़े ने लिखा कि संगठित और समर्पित एनडीए ने आपसी सहमति से सीटों का बंटवारा पूरा कर लिया है। सभी एनडीए दलों के नेता और कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि सभी साथियों ने बिहार में एक बार फिर एनडीए सरकार बनाने का संकल्प लिया है। 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा के लिए मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा।
मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। इन चुनावों में एनडीए का मुकाबला आरजेडी के तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन से होगा।
इंडिया गठबंधन में कांग्रेस, दीपंकर भट्टाचार्य की सीपीआई (एमएल), सीपीआई, सीपीएम और मुकेश सहानी की विकासील इंसान पार्टी शामिल है। इस बार बिहार में प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी जन सुराज के रूप में एक नए खिलाड़ी का प्रवेश भी देखने को मिलेगा।
चुनावी रणनीति पर चर्चा जारी है और सभी दल अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। बिहार की राजनीति में यह चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
सीट बंटवारे को लेकर चल रही बातचीत के परिणामों का सभी को इंतजार है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनाव बिहार के भविष्य की दिशा तय करेगा।