ओमडिया की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत के स्मार्टफोन बाजार में तीसरी तिमाही 2025 में साल-दर-साल 3% की वृद्धि दर्ज की गई। कुल 48.4 मिलियन यूनिट्स की शिपमेंट के साथ, कंपनियों ने त्योहारी सीजन की मांग को देखते हुए चैनल्स में नए स्टॉक भरे। यह मामूली वृद्धि जुलाई-अगस्त में नए लॉन्च, रिटेल प्रोत्साहन और जल्दी शुरू हुए त्योहारी सीजन के कारण हुई।
विवो ने बाजार में अपनी बढ़त बनाए रखी और 9.7 मिलियन यूनिट्स के साथ 20% मार्केट शेयर हासिल किया। सैमसंग 6.8 मिलियन यूनिट्स के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जबकि शियोमी और ओप्पो दोनों ने 6.5 मिलियन यूनिट्स की शिपमेंट के साथ तीसरा स्थान साझा किया। एप्पल 4.9 मिलियन यूनिट्स के साथ शीर्ष पांच में वापसी की, जिसमें छोटे शहरों ने वृद्धि में योगदान दिया।
ओमडिया के प्रिंसिपल एनालिस्ट संयम चौरसिया के अनुसार, तीसरी तिमाही की गति मुख्य रूप से चैनल प्रोत्साहन से बनी रही। कंपनियों ने मार्केटिंग बजट को रिटेल इनसेंटिव प्रोग्राम्स में शिफ्ट किया, जिसमें कैश बोनस से लेकर गोल्ड कॉइन और अंतर्राष्ट्रीय ट्रिप्स तक के इनाम शामिल थे।
इन प्रोत्साहनों ने डिस्ट्रीब्यूटर्स और रिटेलर्स को त्योहारी सीजन से पहले अधिक इन्वेंटरी लेने के लिए प्रेरित किया। साथ ही, कंपनियों ने जीरो-डाउन-पेमेंट ईएमआई और माइक्रो-इंस्टॉलमेंट प्लान्स जैसी योजनाओं को तेज किया।
विवो ने संतुलित पोर्टफोलियो, आक्रामक रिटेल प्रोग्राम्स और प्रमोटर नेटवर्क के दम पर अपनी लीड बनाए रखी। उसके टी-सीरीज मॉडल्स ने ऑनलाइन बिक्री में जल्दी सफलता पाई, जबकि वी60 और वाई-सीरीज ने ग्रामीण बाजार में विस्तार किया।
सैमसंग को मिड-प्रीमियम सेगमेंट में सफलता मिली, लेकिन एंट्री लेवल पर दबाव का सामना करना पड़ा। ओप्पो ने एफ31 सीरीज के आसपास केंद्रित चैनल प्रोग्राम के जरिए वॉल्यूम हासिल किया।
शीर्ष पांच के बाहर, मोटोरोला ने 4 मिलियन यूनिट्स के साथ रिकॉर्ड बनाया, जो पिछले साल की तुलना में 53% अधिक है। नथिंग कंपनी ने 66% की वृद्धि दर्ज की, जिसमें सीएमएफ फोन 2 प्रो और 3ए मॉडल्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एप्पल ने भारत में अपनी अब तक की सबसे ज्यादा शिपमेंट दर्ज की और 10% मार्केट शेयर हासिल किया। छोटे शहरों में आकांक्षी मांग, आक्रामक ऑफर्स और व्यापक उपलब्धता ने इसमें योगदान दिया।
पुराने आईफोन 16 और 15 मॉडल्स ने डिस्काउंट के साथ बड़ी शिपमेंट दीं, जबकि आईफोन 17 बेस मॉडल ने भी अच्छी पकड़ बनाई। एप्पल अब प्रो-मॉडल अपग्रेड्स और इकोसिस्टम विस्तार पर ध्यान दे रहा है।
हालांकि त्योहारी सीजन में जल्दी गति देखी गई, लेकिन यह साल के अंत तक बनी रहेगी, इसमें संदेह है। सरकारी सुधारों ने रिटेल सेन्टीमेंट को बढ़ाया, लेकिन स्मार्टफोन विशिष्ट मांग में सीमित सुधार हुआ है।
शहरी उपभोक्ता नौकरी की अनिश्चितता और बढ़ती लागत संवेदनशीलता के कारण अपग्रेड स्थगित कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, सेल-आउट ग्रोथ शिपमेंट वृद्धि से पीछे रह गई है।
नवंबर के बाद इन्वेंटरी बिल्ड-अप की आशंका बढ़ गई है। ग्रामीण मांग अपेक्षाकृत स्थिर रही, लेकिन शहरी सतर्कता को संतुलित करने के लिए यह पर्याप्त नहीं है।
पूरे वर्ष 2025 के लिए, एक मामूली गिरावट की उम्मीद है, जो एक नाजुक रिकवरी चक्र को दर्शाता है। यह चक्र आर्थिक सुधार और चैनल सुधार पर निर्भर करेगा।
स्मार्टफोन बाजार की यह वृद्धि कंपनियों की रणनीतिक तैयारियों का परिणाम है। त्योहारी सीजन के लिए की गई प्लानिंग ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बाजार में प्रतिस्पर्धा तेज होने के साथ, कंपनियां नवीनतम तकनीक और आकर्षक ऑफर्स ला रही हैं। उपभोक्ताओं के लिए अब अधिक विकल्प और बेहतर डील्स उपलब्ध हैं।