Pankaj Kumar – The Oxygen Man of India | फुटपाथ से बने ‘ऑक्सीजन मैन ऑफ इंडिया’ तक का प्रेरणादायक सफर

Oxygen Man of India
दिल्ली के “ऑक्सीजन मैन” के नाम से मशहूर पंकज कुमार की कहानी आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी है। कभी सड़क किनारे सब्ज़ियां बेचने वाले पंकज ने अपने जज़्बे, संघर्ष और समाज के प्रति समर्पण से यह साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो इंसान कुछ भी कर सकता है।
Oxygen Man of India
बिहार के रहने वाले पंकज कुमार का जीवन कभी आसान नहीं रहा। उन्होंने गरीबी के बीच अपनी पढ़ाई पूरी की और बेहतर भविष्य की तलाश में दिल्ली का रुख किया। दिन में वह पर्यावरण को बचाने के अभियान चलाते और रात में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी (MNC) में काम करते थे।
एक दिन पंकज ने एक कार्टून देखा, जिसमें एक लड़का अपनी पीठ पर पौधा और चेहरे पर ऑक्सीजन मास्क लगाए दिखाया गया था। उसी पल उनके मन में यह विचार आया कि क्यों न इस विचार को हकीकत में बदला जाए और इसे पर्यावरण जागरूकता का प्रतीक बनाया जाए।
उन्होंने खुद ऑक्सीजन मास्क पहनना शुरू किया, पीठ पर पौधा रखकर सड़क पर निकलने लगे और लोगों से सिर्फ एक बात कहते —
“पेड़ लगाइए, पेड़ बचाइए — ताकि आने वाली पीढ़ी को साफ हवा मिल सके।”
पंकज का यह अभियान किसी शोर-शराबे वाला आंदोलन नहीं था, बल्कि एक ‘मूक संदेश’ था। उनका मानना है कि अगर हम आज पर्यावरण के लिए कदम नहीं उठाएंगे, तो आने वाले समय में इंसान को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर साथ रखना पड़ेगा।
वह कहते हैं —
“हमने अपने पूर्वजों से साफ हवा और पानी पाया है, लेकिन क्या हम अपने बच्चों को वही विरासत दे पाएंगे? या फिर उन्हें सिलेंडर में भरी हवा देनी पड़ेगी?”
पंकज का मानना है कि समाज में सबसे बड़ी समस्या सोच की है। लोग सफलता को सिर्फ पैसे और पद से मापते हैं। बच्चों को बचपन से सिखाया जाता है — “देखो, वो कितना कमा रहा है, कितनी अच्छी गाड़ी है उसके पास।”
लेकिन कोई यह नहीं सिखाता कि “पर्यावरण को भी बचाना है।”
पंकज का उद्देश्य सिर्फ पौधे लगाना नहीं, बल्कि लोगों के दिलों में चेतना जगाना है। वे मानते हैं कि संवाद ही बदलाव की पहली सीढ़ी है। जब तक लोग खुद इस विषय पर बात नहीं करेंगे, तब तक पर्यावरण के प्रति जागरूकता नहीं बढ़ेगी।

पंकज कुमार की कहानी हमें यह सिखाती है कि बदलाव की शुरुआत किसी बड़े मंच से नहीं, बल्कि एक छोटे से कदम से होती है। अगर हर व्यक्ति एक पौधा लगाए और उसकी देखभाल करे, तो हमारी धरती फिर से हरियाली से भर सकती है।
“हर पेड़, मां धरती के लिए एक नई सांस है।”




