
अभिनेत्री अक्षरा सिंह ने छठ पूजा के पावन अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि यह त्योहार बिहारवासियों के लिए बेहद भावनात्मक महत्व रखता है।
अक्षरा ने कहा, ‘सभी को छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं। छठ पूजा हम बिहारवासियों के लिए एक बड़ी भावना है।’ उन्होंने आगे कहा कि यह त्योहार हमें समानता और एकजुटता का पाठ पढ़ाता है।
बिहार चुनावों के संदर्भ में अभिनेत्री ने कहा कि लोगों को अच्छे नेताओं का चुनाव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र का विकास संभव हो सकेगा।
इस पावन त्योहार के मौके पर देश भर के विभिन्न शहरों में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। लखनऊ शहर रोशनी और सजावट से सजा हुआ है।
चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत लखनऊ में सजे घाटों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुई। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
पुलिस, पीएसी, गोताखोर, सीसीटीवी और ड्रोन की तैनाती की गई है। यूपी मंत्री एके शर्मा ने सभी सुरक्षा उपायों की पुष्टि की है।
मंत्री ने कहा, ‘हमारी टीम ने छठ महापर्व की तैयारियां पूरी कर ली हैं। व्रत और महापर्व की शुरुआत हो चुकी है।’ उन्होंने झूलेलाल घाट का जिक्र करते हुए लाखों श्रद्धालुओं के आने की बात कही।
गोमती नदी के किनारे भी खूब सजावट की गई है। नदी के पानी की गुणवत्ता की जांच की गई है और प्रदूषण रोकने के उपाय किए गए हैं।
एलजेपी सांसद शाम्भवी चौधरी ने परिवार के साथ पटना में छठ पूजा के दूसरे दिन अनुष्ठान किए। बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी पूजा के बाद सकारात्मक ऊर्जा की बात कही।
जायसवाल ने कहा, ‘हमारी विपक्षी पार्टियां खोखले वादे करती हैं। बिहार की जनता अब उनके वादों पर विश्वास नहीं करती।’ उन्होंने चुनाव तक खाली वादों की आशंका जताई।
रांची में भक्तों ने ‘खरना पूजा’ के अनुष्ठान किए। जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने मधुबनी में खरना पूजा की।
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार में रोजगार के अवसर सृजन पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘बिहार से पलायन रुकना चाहिए। लोगों को यहां रोजगार मिलना चाहिए।’
भागलपुर में भारतीय रेलवे ने पहली बार स्टेशनों पर छठ गीत बजाए। टिकट कलक्टर एसएसपी चौरसिया ने इस पहल की सराहना की।
चार दिवसीय छठ महापर्व सूर्य देव की उपासना को समर्पित है। इसकी शुरुआत नहाय-खाय के पवित्र अनुष्ठान से हुई।
इस वर्ष यह त्योहार 25 से 28 अक्टूबर तक मनाया जा रहा है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को नहाय-खाय, पंचमी को खरना, षष्ठी को छठ पूजा और सप्तमी को उषा अर्घ्य के साथ समापन होगा।










