
Samrat chowdhary
बिहार के उपमुख्यमंत्री और BJP नेता सम्राट चौधरी ने RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने दावा किया कि भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते बिहार की जनता लालू प्रसाद को चोर मानती है।
सम्राट चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि लालू प्रसाद का परिवार भ्रष्टाचार और चोरी के लिए कुख्यात है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यही वजह है कि जनता लालू प्रसाद को चोर समझती है।
चौधरी ने आगे बताया कि जब लालू प्रसाद देश के रेल मंत्री बने तो उन्होंने नौकरी के बदले जमीन लेना शुरू कर दिया। उन्होंने इस प्रथा पर सवाल उठाया और इसे गलत बताया।
बिहार ने लालू प्रसाद के परिवार को 15 साल तक सत्ता सौंपी लेकिन सिर्फ 94,000 लोगों को सरकारी नौकरियां मिल पाईं। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है और विकास के दावों पर सवाल खड़े करता है।
नितीश कुमार के शासनकाल में 18.5 लाख लोगों को सरकारी नौकरियां मिली हैं। यह तुलना स्पष्ट रूप से दोनों शासनों के बीच का अंतर दर्शाती है।
सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की जनता ने समझ लिया है कि एक तरफ विकास देने वाली सरकार है। यह सरकार अच्छी सड़कें बनाती है और विकास के काम करती है।
उन्होंने कहा कि घोषणापत्र से तय हो जाता है कि सरकार क्या चाहती है और उसका बजट क्या होगा। सिर्फ बातें करने से बिहार की जनता समझने वाली नहीं है।
बिहार की जनता ने अच्छी तरह समझ लिया है कि लालू प्रसाद का परिवार लूट और अपराध के लिए है। यह बात उन्होंने बहुत स्पष्ट शब्दों में कही।
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए मतदान 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होगा। मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी और नतीजे उसी दिन घोषित किए जाएंगे।
मुख्य मुकाबला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली NDA और RJD के नेतृत्व वाली विपक्षी गठबंधन ‘महागठबंधन’ के बीच है।
NDA में भारतीय जनता पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं।
महागठबंधन का नेतृत्व राष्ट्रीय जनता दल कर रहा है और इसमें कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और अन्य दल शामिल हैं।
इसके अलावा प्रशांत किशोर का जन सुराज भी राज्य में पहली बार चुनाव लड़ रहा है। यह नई पार्टी चुनावी राजनीति में नया मोड़ ला सकती है।
बिहार की राजनीति में यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। दोनों गठबंधनों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।
जनता के सामने विकास और रोजगार मुख्य मुद्दे हैं। दोनों गठबंधन इन मुद्दों पर अपना पक्ष रख रहे हैं।
चुनाव नतीजे बताएंगे कि बिहार की जनता किसे अपना नेता चुनती है। यह राज्य के भविष्य के लिए निर्णायक साबित होगा।












