
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को छठ पूजा के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस महापर्व को संस्कृति, प्रकृति और समाज के बीच एकता का प्रतीक बताया।
मन की बात के 127वें एपिसोड में प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा देश इन दिनों उत्सव के माहौल में डूबा हुआ है। दिवाली के बाद अब छठ पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं।
घरों में ठेकुआ बन रहे हैं, घाट सज रहे हैं और बाजारों में रौनक है। हर तरफ भक्ति, स्नेह और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छठ महापर्व समाज के हर वर्ग को एक साथ लाता है। छठ घाटों पर दिखने वाला यह दृश्य भारत की सामाजिक एकता का सबसे सुंदर उदाहरण है।
उन्होंने देशवासियों से छठ पर्व में भाग लेने का आग्रह किया। विशेष रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वांचल के लोगों को उन्होंने विशेष शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में चल रहे ‘गार्बेज कैफे’ की सराहना की। यहां नगर निगम द्वारा प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन दिया जा रहा है।
एक किलोग्राम प्लास्टिक लाने वालों को लंच या डिनर मिलता है। आधा किलोग्राम प्लास्टिक के बदले नाश्ता उपलब्ध कराया जाता है।
स्वच्छता के प्रयासों से जुड़ी इस अनूठी पहल ने लोगों का ध्यान खींचा है। यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
प्रधानमंत्री ने बीएसएफ और सीआरपीएफ में भारतीय नस्ल के कुत्तों की संख्या बढ़ने पर खुशी जताई। उन्होंने पांच साल पहले इस विषय पर चर्चा की थी।
टेकनपुर स्थित बीएसएफ के राष्ट्रीय कुत्ता प्रशिक्षण केंद्र में रामपुर हाउंड और मुधोल हाउंड पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
बेंगलुरु के सीआरपीएफ डॉग ब्रीडिंग सेंटर में मोंग्रेल, मुधोल हाउंड, कोंबई और पंडिकोना जैसी भारतीय नस्लों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर प्रधानमंत्री ने उनके योगदान को याद किया। उन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए सरदार पटेल के प्रयासों को अतुलनीय बताया।
31 अक्टूबर को आयोजित होने वाली ‘रन फॉर यूनिटी’ में भाग लेने का आह्वान किया। यह युवाओं के जागरण का अवसर बनेगी और देश की एकता को मजबूत करेगी।
प्रधानमंत्री ने वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इसे देशभक्ति और एकता का प्रतीक बताया।
7 नवंबर को वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। 1896 में रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे पहली बार गाया था।
15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पर भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी गई। उन्होंने देश की आजादी और आदिवासी अधिकारों के लिए अमूल्य योगदान दिया।
मन की बात कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होता है। यह 22 भारतीय भाषाओं और 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित होता है।
अक्टूबर 2014 में शुरू हुए इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़ना है। यह देशवासियों के साथ संवाद का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है।











