
जन सुराज संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीमांचल के मुसलमानों को एक महत्वपूर्ण सलाह दी है। उन्होंने कहा कि भगवान से डरो, भाजपा से नहीं।
पूर्व चुनाव रणनीतिकार अब पूर्णकालिक राजनीतिज्ञ बन चुके हैं। वह 2025 के बिहार चुनावों से पहले सीमांचल का दौरा कर रहे हैं।
कोचधामन में एक सभा को संबोधित करते हुए किशोर ने कहा, दूसरी पार्टियां आपको भाजपा से डराकर वोट लेती हैं। हम अलग हैं, हम कहते हैं अल्लाह से डरिए, भाजपा से मत डरिए।
उन्होंने भीड़ से कहा, आपको फैसला करना है मेरे भाइयों, आपको तय करना है।
किशोर के साथ पार्टी उम्मीदवार अबू अफ़्फान फारुक भी मौजूद थे। फारुक एक पेशेवर वकील हैं और एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
सीमांचल क्षेत्र में किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार जिले शामिल हैं। यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा मुस्लिम समुदाय से है।
बिहार की 2.31 करोड़ मुस्लिम आबादी का एक चौथाई हिस्सा सीमांचल में रहता है। किशनगंज एक मुस्लिम बहुल जिला है जहां 65-70 प्रतिशत आबादी इसी समुदाय की है।
प्रशांत किशोर शायद सीमांचल के मुसलमानों से एआईएमआईएम या आरजेडी के उम्मीदवारों को वोट न देने की अपील कर रहे हैं। उनका मानना है कि ये पार्टियां सिर्फ भाजपा का डर दिखाकर जीतती हैं।
किशोर की पार्टी ने 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के लिए 34 मुस्लिम उम्मीदवार खड़े किए हैं।
सीमांचल से अक्सर मुस्लिम उम्मीदवार ही चुनकर आते हैं। 2020 के विधानसभा चुनावों में सीमांचल की 24 सीटों में से 11 पर मुस्लिम उम्मीदवार जीते थे।
किशोर ने कहा, इस बार सीमांचल के मुसलमान 2020 की गलती दोहराएंगे नहीं। ओवैसी साहब का सम्मान है और वे पढ़े-लिखे हैं, लेकिन उन्हें हैदराबाद में ही रहने दें।
उन्होंने 2020 के चुनावों को याद किया जब असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने सीमांचल की पांच सीटें जीती थीं।
दिलचस्प बात यह है कि पांच में से चार एआईएमआईएम विधायक बाद में राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए। एआईएमआईएम ने आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए 25 उम्मीदवार घोषित किए हैं।
बिहार में चुनाव दो चरणों में होंगे – 6 और 11 नवंबर को। सीमांचल दूसरे चरण में मतदान करेगा। नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
प्रशांत किशोर की यह पहल बिहार की राजनीति में नए बदलाव का संकेत दे रही है। उनकी पार्टी एक अलग तरह की राजनीति का वादा कर रही है।












