
Amit sah
बिहार में चुनावी माहौल गर्माया हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज कई सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करेंगे। ये रैलियां राज्य के विभिन्न हिस्सों में आयोजित की जा रही हैं।
अमित शाह एनडीए उम्मीदवारों के समर्थन में रैलियां करेंगे। वहीं राहुल गांधी इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को बढ़ावा देंगे। दोनों ही दल चुनावी जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ भी एनडीए के लिए प्रचार करेंगे। वे अलग-अलग जिलों में रैलियों को संबोधित करेंगे। इनके साथ कई भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।
अमित शाह दरभंगा, समस्तीपुर और बेगूसराई में रैलियां करेंगे। राहुल गांधी मुजफ्फरपुर और दरभंगा में कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। उनके साथ तेजस्वी यादव जैसे नेता भी मौजूद रहेंगे।
बिहार विधानसभा के 243 सदस्यों के लिए मतदान होगा। चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे। पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा 11 नवंबर को होगा।
नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इससे पहले सभी दल जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं। हर पार्टी जीत के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी चुनावी सभाएं करेंगी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और पूर्व झारखंड सीएम बाबूलाल मरांडी भी प्रचार में शामिल होंगे।
इन सभी रैलियों का मकसद मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाना है। दोनों गठबंधन अपनी-अपनी ताकत दिखाने में लगे हैं। यह चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल बिहार लौटेंगे। वह मुजफ्फरपुर और सारण जिलों में लगातार दो रैलियां करेंगे। आज की रैलियां उसी की तैयारी का हिस्सा हैं।
चुनावी बिहार में हर दिन नए राजनीतिक दांव पेंच देखने को मिल रहे हैं। नेता एक के बाद एक रैलियों में शामिल हो रहे हैं। मतदाताओं को लुभाने की कोशिश जारी है।
राजनीतिक दलों की इस होड़ ने चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया है। हर पार्टी अपनी उम्मीदवारी को मजबूत करने में जुटी है। जनसभाओं के माध्यम से वोटरों तक पहुंचना प्रमुख लक्ष्य है।
बिहार का यह चुनाव कई मायनों में अहम माना जा रहा है। दोनों महागठबंधनों के बीच सीधा मुकाबला है। हर जाति और वर्ग के वोटरों को लुभाने की कोशिश हो रही है।
आज की रैलियां चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा हैं। इनके जरिए दल अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
चुनावी बिहार में अब हर दिन नए राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं। नेताओं की सभाएं और रैलियां इसका अहम हिस्सा हैं। मतदाता भी इन गतिविधियों को बारीकी से देख रहे हैं।
राजनीतिक दलों की इस कोशिश का असर चुनाव नतीजों पर दिखेगा। हर रैली और सभा वोटों पर असर डाल सकती है। इसलिए सभी दल इन पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।










