
हैदराबाद में विपक्षी दलों ने कांग्रेस सरकार पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया है। मुख्य चुनाव अधिकारी सी सुदर्शन रेड्डी ने चुनाव आयोग से इन मुद्दों पर दिशा-निर्देश मांगे हैं।
भारत राष्ट्र समिति और भारतीय जनता पार्टी ने अलग-अलग घटनाओं पर शिकायत दर्ज की है। दोनों दलों ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
बीआरएस ने मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी द्वारा फिल्म कर्मचारियों से किए गए वादों पर आपत्ति जताई है। भाजपा ने पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन के मंत्रिमंडल में शामिल होने का विरोध किया है।
मुख्य चुनाव अधिकारी ने पुष्टि की कि दोनों पार्टियों की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को पत्र भेजकर सलाह मांगी गई है।
शपथ ग्रहण समारोह को लेकर चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांगा गया है। फिल्म कर्मचारियों से किए गए वादों पर भी दिशा-निर्देश चाहिए हैं।
सुदर्शन रेड्डी ने बताया कि चुनाव आयोग से शुक्रवार तक जवाब की उम्मीद है। उसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
मोहम्मद अजहरुद्दीन का शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार दोपहर राजभवन में निर्धारित है। मंत्रिमंडल के सदस्यों और गणमान्य व्यक्तियों को निमंत्रण भेजे जा चुके हैं।
यह मामला चुनाव आचार संहिता के तहत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दोनों घटनाओं पर चुनाव आयोग का फैसला राजनीतिक दलों के लिए अहम होगा।
विपक्षी दल लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं। उनका कहना है कि चुनाव आचार संहिता का पालन सख्ती से होना चाहिए।
मुख्यमंत्री द्वारा फिल्म कर्मचारियों से किए गए वादों को भी चुनावी लाभ पहुंचाने वाला कदम बताया जा रहा है। इस पर चुनाव आयोग की राय महत्वपूर्ण होगी।
अजहरुद्दीन के मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर भी राजनीतिक बहस तेज हो गई है। भाजपा ने इसे चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप बताया है।
चुनाव आयोग के फैसले का सभी राजनीतिक दल बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इससे आने वाले दिनों में राजनीतिक माहौल स्पष्ट होगा।
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। चुनाव आयोग के फैसले के बाद ही अंतिम स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव आयोग का यह फैसला महत्वपूर्ण होगा। इससे भविष्य में ऐसे मामलों के लिए एक मिसाल कायम होगी।
सभी की नजरें अब चुनाव आयोग पर टिकी हैं। आयोग के फैसले से ही आगे की राह साफ होगी।












