
मोकामा में दुलारचंद यादव हत्या मामले में नया मोड़ आया है। डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि यादव की मौत गोली लगने से नहीं हुई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार उनके पैर में लगी गोली घातक नहीं थी।
शव परीक्षण तीन सदस्यीय मेडिकल टीम ने किया। डॉ रोहन कुमार, डॉ दिलीप कुमार और डॉ अजय कुमार ने बताया कि गोली टखने के पास से गुजरी थी। यह घाव मौत का कारण नहीं बन सकता था।
पोस्टमॉर्टम से पहले एक्सरे कराया गया था। शरीर के अंदर कोई गोली नहीं मिली। अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर चोटें खरोंच की थीं।
ये नतीजे जांचकर्ताओं के लिए नई चुनौती बन गए हैं। पुलिस अब घटनाक्रम को फिर से जांच रही है। फोरेंसिक और हालाती सबूतों का विश्लेषण किया जाएगा।
शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें दुलारचंद यादव को पत्थर फेंकते देखा जा सकता है। यह वीडियो हमले से ठीक पहले का बताया जा रहा है।
इस वीडियो ने मामले को नया मोड़ दे दिया है। अब मौत के कारणों पर नई बहस शुरू हो गई है। लोग अलग अलग तरह की अटकलें लगा रहे हैं।
वहीं यादव के परिवार ने एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह और उनके सहयोगियों को आरोपी बनाया गया है। शिकायत में कहा गया है कि यादव को कार से बाहर खींचा गया।
उन पर कई गोलियां चलाई गईं और फिर वाहन से कुचल दिया गया। परिवार न्याय की मांग कर रहा है।
विपक्षी नेताओं ने जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यह बिहार में राजनीतिक हिंसा का एक और उदाहरण है। कई नेता जांच आयोग गठित करने की मांग कर रहे हैं।
जन सुराज संस्थापक प्रशांत किशोर ने हत्या की निंदा की है। उन्होंने नीतीश कुमार सरकार पर कानून व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रहने का आरोप लगाया।
किशोर ने स्पष्ट किया कि दुलारचंद यादव जन सुराज के आधिकारिक सदस्य नहीं थे। वह मोकामा उम्मीदवार प्रियदर्शी पियूष का समर्थन कर रहे थे।
बाढ़ एसडीपीओ अभिषेक सिंह ने घटना का अपना संस्करण बताया। उनके अनुसार दो विरोधी दलों के काफिले आमने सामने आ गए। बहस बढ़ती चली गई और गोलीबारी हो गई।
एसडीपीओ ने बताया कि एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। फोरेंसिक टीम को सूचित किया गया है। उचित जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
पुलिस मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। हर पहलू की जांच की जा रही है। नए सबूत जुटाए जा रहे हैं।
मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। विभिन्न दल एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। स्थानीय लोग भी इस घटना से स्तब्ध हैं।
दुलारचंद यादव की मौत ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। लोग सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। अब सबकी नजरें जांच के नतीजे पर टिकी हैं।










