
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एर्नाकुलम-केएसआर बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। यह केरल के लिए तीसरी और दक्षिणी रेलवे नेटवर्क में चलने वाली 12वीं वंदे भारत सेवा होगी। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यह नई सेवा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाएगी और केरल-कर्नाटक के आर्थिक-सामाजिक संबंधों को मजबूत करेगी।
यह लॉन्च भारतीय रेलवे के दक्षिणी शहरों में सेमी-हाई स्पीड कनेक्टिविटी विस्तार का हिस्सा है। नई वंदे भारत सेवा केरल के वाणिज्यिक केंद्र एर्नाकुलम और भारत की आईटी राजधानी बेंगलुरु के बीच सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। पेशेवरों, उद्यमियों और छात्रों को इससे विशेष लाभ मिलेगा।
ट्रेन थ्रिसूर, पालक्कड़, कोयंबटूर, तिरुप्पुर, इरोड, सलेम और कृष्णराजपुरम होते हुए बेंगलुरु पहुंचेगी। सभी स्टेशनों पर प्रधानमंत्री के उद्घाटन कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाएगा।
चुने हुए प्रतिनिधि, अधिकारी, छात्र और आम जनता इन कार्यक्रमों में शामिल होंगे। हर स्टॉप पर ट्रेन का स्वागत किया जाएगा।
इनॉग्युरल स्पेशल ट्रेन नंबर 06652 सुबह 8 बजे एर्नाकुलम जंक्शन से रवाना होगी। शाम 5:50 बजे केएसआर बेंगलुरु पहुंचेगी।
ट्रेन में आठ कोच होंगे जिनमें आधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्ध होंगी। वंदे भारत की यह नई सेवा यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री का मुख्य कार्यक्रम बनारस रेलवे स्टेशन से आयोजित होगा। वे यहां से तीन अन्य वंदे भारत एक्सप्रेस सेवाएं भी लॉन्च करेंगे।
ये सेवाएं हैं बनारस-खजुराहो, लखनऊ-सहारनपुर और फिरोजपुर कैंट-दिल्ली रूट पर चलेंगी।
केरल और तमिलनाडु के रूट स्टेशनों पर भी समारोह आयोजित होंगे। थ्रिसूर, पालक्कड़, कोयंबटूर, तिरुप्पुर, इरोड और सलेम में विशेष कार्यक्रम होंगे।
वर्तमान में केरल में दो वंदे भारत जोड़े चल रहे हैं। ज्यादातर दिनों में इन ट्रेनों की सीटें पूरी भरी रहती हैं।
नई वंदे भारत सेवा से यात्रियों को और अधिक विकल्प मिलेंगे। यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को नया आयाम देगी।
रेलवे का लक्ष्य देश के विभिन्न हिस्सों में सेमी-हाई स्पीड कनेक्टिविटी का विस्तार करना है। वंदे भारत ट्रेनें इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
यात्रियों को अब एर्नाकुलम से बेंगलुरु की यात्रा में कम समय लगेगा। आधुनिक सुविधाओं से लैस यह ट्रेन यात्रा अनुभव को और बेहतर बनाएगी।
वंदे भारत एक्सप्रेस सेवाओं का विस्तार जारी रहेगा। भविष्य में और भी रूटों पर इन ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा।










