
भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष पीटी उषा ने बताया कि 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की आधिकारिक घोषणा बहुत जल्द होने वाली है। यह घोषणा 25-26 नवंबर को ग्लासगो में होने वाली आम सभा के दौरान सार्वजनिक रूप से की जाएगी।
पीटी उषा नई दिल्ली के डीएलएफ एवेन्यू में आयोजित एक कार्यक्रम में मौजूद थीं। इस दौरान केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने ग्लासगो 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए किंग्स बैटन का अनावरण किया।
मीडिया से बातचीत में पीटी उषा ने कहा कि 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की घोषणा खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी प्रेरणा साबित होगी। उन्होंने इसकी महत्ता पर प्रकाश डाला।
पिछले महीने कॉमनवेल्थ स्पोर्ट की कार्यकारी समिति ने अहमदाबाद को 2030 के सेंटेनरी संस्करण की मेज़बानी के लिए सिफारिश की थी। यह सिफारिश एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।
अहमदाबाद के मेज़बान शहर के रूप में चुने जाने का अंतिम फैसला 26 नवंबर 2025 को ग्लासगो में होने वाली कॉमनवेल्थ स्पोर्ट जनरल असेंबली में किया जाएगा। इसकी जानकारी आधिकारिक वेबसाइट ने दी है।
यह सिफारिश कॉमनवेल्थ स्पोर्ट मूल्यांकन समिति की कड़ी जांच प्रक्रिया के बाद आई है। समिति ने तकनीकी क्षमता, खिलाड़ी अनुभव और बुनियादी ढांचे जैसे मानकों पर शहरों का आकलन किया।
अहमदाबाद और अबुजा ने गेम्स रीसेट सिद्धांतों के तहत अपने प्रस्ताव पेश किए। दोनों शहरों ने मेज़बानी की तैयारी और दृष्टि को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।
2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की सिफारिश कॉमनवेल्थ खेल आंदोलन के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह संस्करण 1930 में हैमिल्टन में आयोजित पहले आयोजन की शताब्दी का प्रतीक होगा।
ग्लासगो 2026 की तैयारियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। इस आयोजन में खिलाड़ियों और प्रशंसकों के लिए विशेष आकर्षण होने का वादा किया गया है।
भारत कॉमनवेल्थ का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है और इसका खेलों में गौरवशाली इतिहास रहा है। बर्मिंघम में 2022 के गेम्स में भारत ने मेडल टेबल में चौथा स्थान हासिल किया था।
अहमदाबाद के प्रस्ताव में भारत की कॉमनवेल्थ मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया गया है। इसके साथ ही आधुनिक खेलों के पैमाने और विविधता को प्रतिबिंबित करने की क्षमता भी प्रस्तुत की गई है।
नाइजीरिया के प्रभावशाली प्रस्ताव को देखते हुए कार्यकारी समिति ने भविष्य के गेम्स के लिए उनकी मेज़बान महत्वाकांक्षाओं को समर्थन देने की रणनीति बनाने पर सहमति जताई है। 2034 गेम्स के लिए नाइजीरिया पर विचार किया जा सकता है।
यह निर्णय कॉमनवेल्थ स्पोर्ट की रणनैतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अफ्रीका में गेम्स की मेज़बानी सुनिश्चित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने किंग्स बैटन के अनावरण के दौरान भारतीय खेलों के उज्ज्वल भविष्य पर जोर दिया। उन्होंने खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाओं के विकास की बात कही।
कॉमनवेल्थ गेम्स की यह सेंटेनरी घोषणा भारतीय खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ सकती है। अहमदाबाद की मेज़बानी से देश के खेल बुनियादी ढांचे में और सुधार आने की उम्मीद है।











