
गुजरात में 137 मोबाइल स्वास्थ्य-चिकित्सा इकाइयों ने राज्य के दूरदराज और वंचित समुदायों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की जीवनरेखा बनकर काम किया है। इन इकाइयों ने अब तक 13.5 लाख से अधिक नागरिकों को ओपीडी सेवाएं प्रदान की हैं।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन और स्वास्थ्य मंत्री प्रफुल्ल पंसहेरिया के नेतृत्व में यह पहल प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुंचा रही है।
राज्य की विविध भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 102 मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयां और 35 मोबाइल चिकित्सा इकाइयां कार्यरत हैं।
इनमें 80 आदिवासी क्षेत्रों में, 23 अगरिया क्षेत्रों में, 11 मरुस्थलीय इलाकों में, चार वन क्षेत्रों में और 19 सामान्य ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात हैं।
सितंबर 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार इन इकाइयों ने 13.5 लाख से अधिक लोगों को ओपीडी परामर्श दिया है।
पांच लाख से अधिक लोगों के लैब टेस्ट किए गए हैं और 8,000 से अधिक महिलाओं को प्रसवपूर्व देखभाल सेवाएं मिली हैं।
इन इकाइयों ने 1,000 से अधिक उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाओं की पहचान की है।
प्रत्येक मोबाइल इकाई एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ी हुई है।
यह समन्वय सेवाओं के समय पर वितरण को सुनिश्चित करता है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधिकारी, टोटल हेल्थ सॉल्यूशंस और मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्य योजनाएं तैयार करते हैं।
इन योजनाओं के तहत तय मार्गों पर इकाइयां स्थानीय स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुरूप काम करती हैं।
मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयां विशेष रूप से सुसज्जित वैन हैं जो आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं सीधे लोगों तक पहुंचाती हैं।
चिकित्सा अधिकारियों और पैरामेडिक्स की तैनाती वाली ये इकाइयां बुनियादी ओपीडी परामर्श, दवाएं, लैब टेस्ट और स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करती हैं।
गुजरात का स्वास्थ्य तंत्र मजबूत सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और विशेष सेवाओं के तेजी से विस्तार को जोड़ता है।
राज्य सरकार ने मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयों, 108 आपातकालीन सेवाओं और डिजिटल स्वास्थ्य प्रणालियों के माध्यम से अंतिम छोर तक सेवा पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित किया है।










