
खादी महोत्सव 2025 में चौथे दिन भी भीड़ उमड़ती रही। लखनऊ के गोमती नगर स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में 21 नवंबर से शुरू हुए इस आयोजन में सोमवार को भारी संख्या में दर्शक पहुंचे।
इस महोत्सव ने पारंपरिक कला रूपों और हस्तनिर्मित खादी उत्पादों को प्रदर्शित करने का मंच प्रदान किया है। कारीगरों की नवीन रचनाओं ने भी लोगों का ध्यान खींचा है।
खादी वस्त्रों के साथ-साथ स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प उत्पादों को भी खरीदारों का उत्साहजनक समर्थन मिल रहा है।
यह आयोजन आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने खादी, ग्रामोद्योग और हस्तशिल्प को मजबूत करने के कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।
एक जिला एक उत्पाद जैसी योजनाओं ने हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं।
प्रधानमंत्री एफएमई योजना और सूक्ष्म उद्यम नीतियों ने स्थानीय उद्यमियों को नई दिशा दी है।
खादी महोत्सव इन सभी पहलों को एक मंच पर लाता है।
कारीगरों और उद्यमियों को बाजार विस्तार के नए अवसर मिल रहे हैं।
तकनीकी विकास और नए व्यावसायिक संपर्कों से उनकी क्षमता में वृद्धि हो रही है।
पारंपरिक कलाओं के संरक्षण और संवर्धन में यह आयोजन मील का पत्थर साबित हो रहा है।
हर दिन बढ़ती भीड़ इसकी लोकप्रियता का प्रमाण है।
खादी महोत्सव ने स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय पहचान दिलाने का काम किया है।
यह आयोजन कारीगरों के लिए वरदान साबित हो रहा है।










