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दक्षिण अफ्रीका ने 2000-01 के बाद पहली बार भारत में टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास रच दिया। गुवाहाटी में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने मेजबान टीम को 408 रनों से शिकस्त दी। यह जीत उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हुई।
भारतीय टीम बुधवार को चाय के अंतराल तक 90 विकेट पर 5 विकेट खो चुकी थी। इसके बाद शेष पांच विकेट तेजी से गिरे और पूरी टीम महज 140 रन पर सिमट गई।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप विजेता दक्षिण अफ्रीका ने पहले टेस्ट में भी 30 रन से जीत दर्ज की थी। कोलकाता में खेले गए पहले मैच में उनकी शानदार प्रदर्शन जारी रहा।
भारतीय कप्तान और विकेटकीपर ऋषभ पंत सुबह गिरने वाले तीन विकेटों में से एक थे। वह साइमन हार्मर की गेंद पर 13 रन बनाकर आउट हुए।
हार्मर ने दूसरी पारी में छह विकेट झटक कर शानदार प्रदर्शन किया। उनकी गेंदबाजी ने भारतीय बल्लेबाजों को कभी स्थिर नहीं होने दिया।
भारत को जीत के लिए 549 रनों का लक्ष्य मिला था जो असंभव साबित हुआ। चौथे दिन के अंत तक वह महज 27 रन पर 2 विकेट खो चुके थे।
सोमवार को मार्को जैनसेन ने 6 विकेट लेकर भारत को 201 रन पर समेट दिया। उन्होंने महज 48 रन देकर यह उपलब्धि हासिल की।
दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 489 रन बनाए थे। इसके जवाब में भारत की पहली पारी 314 रन से पीछे रही।
जैनसेन की गेंदबाजी ने मैच का रुख पूरी तरह बदल दिया। उनके शानदार प्रदर्शन ने दक्षिण अफ्रीका को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।
भारतीय बल्लेबाज लगातार दबाव में नजर आए। उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों के सामने खुद को ढाल नहीं पाए।
यह सीरीज जीत दक्षिण अफ्रीका के लिए विशेष महत्व रखती है। भारत में उनकी यह ऐतिहासिक जीत क्रिकेट प्रेमियों के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है।
टीम की यह सफलता उनके सामूहिक प्रयास का परिणाम है। हर खिलाड़ी ने अपनी भूमिका को बखूबी निभाया।
भारतीय टीम को इस हार से सबक लेने की जरूरत है। आगामी मैचों के लिए उन्हें अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा।
दक्षिण अफ्रीका की यह जीत टेस्ट क्रिकेट में उनकी बढ़त को दर्शाती है। वह विश्व क्रिकेट में अपनी धाक जमाने में सफल रहे।










