
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कैबिनेट सचिवालय विभाग और विजिलेंस विभाग के कामकाज की समीक्षा की। यह बैठक 1 एनी मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में आयोजित की गई थी जहाँ उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए।
समीक्षा के दौरान कैबिनेट सचिवालय और विजिलेंस विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने विभाग के कार्यों पर अद्यतन और विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने एक प्रस्तुति के माध्यम से विभाग की प्रगति और गतिविधियों को रेखांकित किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोनों विभागों से सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप कुशलतापूर्वक और शीघ्रता से कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि विभागों को अपने दायित्वों का निर्वहन समयबद्ध तरीके से करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विजिलेंस विभाग राज्य में भ्रष्टाचार को समाप्त करने में प्रभावी, संवेदनशील और गतिशील भूमिका निभा रहा है। उन्होंने विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए इस दिशा में और सकारात्मक परिणामों की उम्मीद जताई।
नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि हमारा लक्ष्य न्याय के साथ विकास का पीछा करते हुए शून्य-सहिष्णुता नीति का पालन करके राज्य को भ्रष्टाचार-मुक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं को अच्छे शासन और पारदर्शिता के साथ लागू किया जाना चाहिए।
इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आम लोगों को इन योजनाओं से सीधे और त्वरित लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही सरकार के मूल मंत्र हैं।
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार ने भाग लिया। कैबिनेट सचिवालय विभाग और मॉनिटरिंग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि ने बैठक में सक्रिय भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री के विशेष अधिकारी गोपाल सिंह ने भी अपने विचार रखे।
मुख्यमंत्री के सचिव चंद्रशेखर सिंह ने बैठक में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कैबिनेट सचिवालय विभाग के विशेष सचिव निलेश रामचंद्र देवरे ने भी अपने सुझाव प्रस्तुत किए।
कैबिनेट सचिवालय विभाग के विशेष सचिव अरविंद कुमार वर्मा ने बैठक में विभागीय गतिविधियों पर प्रकाश डाला। सभी अधिकारियों ने मिलकर विभागों की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की।
इस बीच, नवनिर्वाचित बिहार विधानसभा का उद्घाटन सत्र 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सामने आई है।
बिहार विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्य 1 दिसंबर को शपथ और प्रतिज्ञान लेंगे। इसके बाद 2 दिसंबर 2025 को बिहार विधानसभा के अध्यक्ष का चुनाव होगा।
2025 के बिहार विधानसभा चुनावों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए लिटमस टेस्ट माना जा रहा था। नीतीश कुमार पिछले 20 वर्षों से हर चुनाव में बिहार की राजनीति को अपने इर्द-गिर्द केंद्रित करने में सफल रहे हैं।
एनडीए ने 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की, 243 सीटों में से 202 सीटें जीतीं। महागठबंधन केवल 35 सीटों पर सिमट कर रह गया।
शासकीय गठबंधन ने 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में तीन-चौथाई बहुमत हासिल किया। यह दूसरी बार है जब एनडीए ने राज्य चुनावों में 200 सीटों का आंकड़ा पार किया, 2010 में इसने 206 सीटें जीती थीं।










