
तिरुपति लड्डू घी मिलावट मामले में सीबीआई की निगरानी वाली विशेष जांच टीम ने एक वरिष्ठ टीटीडी अधिकारी को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट के मामले में हुई है।
गिरफ्तार किए गए आरएसएसवीआर सुब्रमण्यम टीटीडी में महाप्रबंधक (खरीद) के पद पर कार्यरत रहे हैं। उनकी जिम्मेदारी लड्डू बनाने के लिए घी सहित महत्वपूर्ण सामग्री की खरीद करना था।
गुंटूर रेंज के आईजी सर्वश्रेष्ठी त्रिपाठी ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सुब्रमण्यम पर खरीद प्रक्रिया में गड़बड़ी के गंभीर आरोप हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई निदेशक ने एसआईटी के बाहर के अधिकारी को जांच सौंपकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया।
टीटीडी ने 6 जून को ‘तिरुपति लड्डू’ नाम से अनाधिकृत उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की थी। यह नाम टीटीडी का पंजीकृत भौगोलिक संकेतक है।
सहदेव लॉ चेंबर्स के माध्यम से कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और विक्रेताओं को कानूनी नोटिस भेजे गए। पुशमाईकार्ट और ट्रांजैक्ट फूड्स लिमिटेड जैसी कंपनियों पर मंदिर से जुड़े होने का गलत दावा करने का आरोप है।
फरवरी 2025 में सीबीआई की एसआईटी ने इसी मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया था। उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
जांच एजेंसी ने टीटीडी की ई-टेंडरिंग प्रक्रिया में गंभीर कमियां पाई थीं। रिमांड रिपोर्ट में घी में मिलावट की पुष्टि हुई थी।
एआर डेयरी, वैष्णवी डेयरी और भोले बाबा डेयरी इस मामले में शामिल पाए गए थे। ये सभी डेयरी घी की आपूर्ति करती थीं।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। जांच टीम लगातार मामले की गहराई में जा रही है।
टीटीडी ने अपने भौगोलिक संकेतक अधिकारों की रक्षा के लिए कड़ी कार्रवाई शुरू की है। अनाधिकृत विक्रेताओं के खिलाफ कानूनी steps उठाए जा रहे हैं।
यह मामला देश भर के भक्तों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। तिरुपति बालाजी के लड्डू प्रसाद के रूप में विश्व भर में प्रसिद्ध हैं।
जांच अधिकारियों का कहना है कि मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। खरीद प्रक्रिया में शामिल अन्य लोगों पर भी नजर है।
टीटीडी प्रशासन ने भक्तों को आश्वासन दिया है कि अब लड्डू बनाने की प्रक्रिया में पूरी सावधानी बरती जा रही है। गुणवत्ता नियंत्रण को सख्त बनाया गया है।
मंदिर प्रशासन का कहना है कि भक्तों की आस्था और स्वास्थ्य उनके लिए सर्वोपरि है। वे प्रसाद की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।










