Shikhar Dhawan Retires:धवन ने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की
Shikhar Dhawan Retires from International and Domestic Cricket
भारतीय क्रिकेट के स्टार शिखर धवन ने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है, जिससे उनके 13 साल लंबे करियर का अंत हो गया है। धवन ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह खबर साझा की, जिससे उनके शानदार क्रिकेट करियर पर तत्काल विराम लग गया।
धवन के अंतरराष्ट्रीय करियर में 34 टेस्ट, 167 वनडे और 68 टी20 मैच शामिल हैं, जिनमें उन्होंने क्रमशः 2315, 6793 और 1579 रन बनाए। धवन अपने आक्रामक बल्लेबाजी शैली और मौके पर चमकने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में अपने टेस्ट डेब्यू में 85 गेंदों में शतक बनाकर क्रिकेट जगत को चौंका दिया था और उस मैच में कुल 187 रन बनाए थे।
वनडे में धवन ने खासकर 2013 में शानदार प्रदर्शन किया था, जहां उन्होंने 26 मैचों में 50.52 की औसत और 97.89 की स्ट्राइक रेट से 1162 रन बनाए। उनका बेहतरीन प्रदर्शन आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में देखने को मिला, जहां वह टूर्नामेंट के शीर्ष स्कोरर बने और 363 रन बनाए, जिसमें दो शतक शामिल थे। इस प्रदर्शन की बदौलत भारत ने खिताब जीता।
धवन का आईपीएल में भी बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने 222 मैचों में 6769 रन बनाए और 2016 में सनराइजर्स हैदराबाद के साथ खिताब जीता, जहां उन्होंने डेविड वॉर्नर के साथ शानदार साझेदारी की। हालांकि, कप्तान के रूप में धवन को मिले-जुले परिणाम मिले। उन्होंने भारत के लिए 15 मैच (12 वनडे और 3 टी20) में कप्तानी की और 8-5 (2 बिना परिणाम वाले) के रिकॉर्ड के साथ टीम का नेतृत्व किया। उन्होंने आईपीएल और चैंपियंस लीग टी20 में पंजाब किंग्स और सनराइजर्स हैदराबाद के लिए भी कप्तानी की, लेकिन वहां 13 जीत और 20 हार का सामना करना पड़ा।
As I close this chapter of my cricketing journey, I carry with me countless memories and gratitude. Thank you for the love and support! Jai Hind! 🇮🇳 pic.twitter.com/QKxRH55Lgx
— Shikhar Dhawan (@SDhawan25) August 24, 2024
धवन और रोहित शर्मा की जोड़ी वनडे में सबसे सफल ओपनिंग जोड़ी में से एक रही है। दोनों ने मिलकर 18 शतकीय साझेदारियां की, जो सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की 21 साझेदारियों के बाद दूसरे स्थान पर है।
धवन के संन्यास के साथ ही एक शानदार करियर का अंत हो गया, जिसमें उन्होंने अपने प्रदर्शन, नेतृत्व और भारतीय क्रिकेट पर अमिट छाप छोड़ी है। धवन को एक साहसी और समर्पित खिलाड़ी के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने टीम के लिए अपना सर्वस्व झोंक दिया।