
अहमदाबाद 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करेगा। यह आयोजन भारत में बीस साल बाद लौट रहा है। इससे देश के खेल इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ेगा।
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ने इसकी घोषणा बुधवार को ग्लासगो से की। यह घोषणा एक भौतिक और वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई।
सामान्य सभा ने अहमदाबाद के पक्ष में कार्यकारी बोर्ड के प्रस्ताव को मंजूरी दी। यह प्रस्ताव 15 अक्टूबर को पेश किया गया था।
अबुजा के मुकाबले अहमदाबाद को प्राथमिकता दी गई। नाइजीरिया की राजधानी इस आयोजन के लिए दूसरे दावेदार के रूप में थी।
यह निर्णय भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। खेलों के क्षेत्र में देश की बढ़ती क्षमता को इससे मान्यता मिलती है।
2030 का संस्करण कॉमनवेल्थ गेम्स का शताब्दी संस्करण होगा। इसलिए इस आयोजन का महत्व और भी बढ़ जाता है।
भारत ने पहले 2010 में दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी। अब अहमदाबाद इस परंपरा को आगे बढ़ाएगा।
इस अवसर का उपयोग भारत ओलंपिक के लिए बोली लगाने में करेगा। देश की महत्वाकांक्षा 2036 ओलंपिक की मेजबानी हासिल करने की है।
अहमदाबाद में आयोजन से शहर के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा। नई स्पोर्ट्स सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा।
युवा खिलाड़ियों के लिए यह एक प्रेरणा स्रोत बनेगा। वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना प्रदर्शन दिखा सकेंगे।
गुजरात की राजधानी में यह आयोजन पर्यटन को बढ़ावा देगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शहर की पहचान मजबूत होगी।
खेल मंत्रालय इस आयोजन की तैयारियों में जुट गया है। विभिन्न हितधारकों के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है।
भारतीय ओलंपिक संघ ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे देश के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती मिलेगी।
2030 कॉमनवेल्थ गेम्स भारत के खेल इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होंगे। यह आयोजन देश की खेल संस्कृति को नई दिशा देगा।










