
गांधी जयंती के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खादी इंडिया शोरूम का दौरा किया। उन्होंने खादी उत्पाद खरीदे और ऑनलाइन भुगतान किया।
शाह ने कहा कि महात्मा गांधी ने भारत की आत्मा को पहचाना और आम जनता को जगाया। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन को आगे बढ़ाने वाले विचार दिए।
खादी और स्वदेशी इन्हीं विचारों से उपजे महत्वपूर्ण अवधारणाएं हैं। ये स्वतंत्रता संग्राम का अभिन्न अंग रही हैं।
गांधी जी ने न केवल स्वतंत्रता संग्राम को मजबूत किया बल्कि गरीबों के जीवन में रोशनी लाई। यह उनकी बड़ी देन है।
खादी के पुनरुत्थान की शुरुआत 2003 में नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए हुई। तब से खादी ने अपनी पहचान फिर से बनाई है।
मोदी जी के 11 वर्षों के कार्यकाल में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री पांच गुना बढ़ी है। यह 33,000 करोड़ से बढ़कर 1.7 लाख करोड़ से अधिक हो गई है।
प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात कार्यक्रम ने स्वदेशी को लोकप्रिय बनाया है। इससे लोग आर्थिक विकास और मेक इन इंडिया से जुड़ रहे हैं।
लाखों परिवारों ने विदेशी सामान न इस्तेमाल करने का संकल्प लिया है। वहीं लाखों दुकानदारों ने विदेशी उत्पाद न बेचने का फैसला किया है।
शाह ने नागरिकों से इस आंदोलन को मजबूत करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हर परिवार को सालाना कम से कम 5,000 रुपये के खादी उत्पाद खरीदने चाहिए।
इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और उनके जीवन में खुशहाली आएगी। यह एक सामूहिक प्रयास का हिस्सा होना चाहिए।
स्वदेशी अपनाना देश के दीर्घकालिक लक्ष्यों के साथ जुड़ना है। 2047 तक भारत को विश्व में शीर्ष स्थान पर ले जाने का अभियान चल रहा है।
हमें खादी और स्वदेशी को अपनी प्रकृति का हिस्सा बनाना चाहिए। इन मूल्यों को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है।
यह केवल एक कपड़े या उत्पाद का मामला नहीं है। यह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक सार्थक कदम है।
हर भारतीय इस अभियान से जुड़कर देश की प्रगति में योगदान दे सकता है। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।