
आंध्र प्रदेश चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री फेडरेशन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से 56वीं GST परिषद की बैठक के कुछ फैसलों पर पुनर्विचार का अनुरोध किया है।
संगठन ने GST 2.0 सुधारों का स्वागत करते हुए उनके मध्यम वर्ग और उपभोग पर सकारात्मक प्रभाव की सराहना की।
हालांकि, MSMEs को प्रभावित करने वाले कुछ मुद्दों पर पुनर्विचार की मांग की गई है।
फल पल्प आधारित कार्बोनेटेड पेय पदार्थों को 40 प्रतिशत GST स्लैब में वर्गीकृत करने को गलत बताया गया।
यह फैसला आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे कृषि प्रधान राज्यों के छोटे और मध्यम निर्माताओं को प्रभावित कर रहा है।
इन पेय पदार्थों को असली फल पल्प से तैयार किया जाता है जो किसानों और प्रोसेसरों का समर्थन करते हैं।
संगठन का मानना है कि इन्हें सिंथेटिक कोला पेय के समान करारोपण नहीं किया जाना चाहिए।
AP Chambers ने परिषद से ऐसे पेय पदार्थों पर GST घटाकर 18 प्रतिशत करने का आग्रह किया।
इस कदम से कृषि आधारित मूल्य संवर्धन और MSME विकास को बढ़ावा मिलेगा।
संगठन ने होटल उद्योग की वित्तीय कठिनाइयों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।
7,500 रुपये से कम के कमरों पर GST 5 प्रतिशत किए जाने के बावजूद इनपुट टैक्स क्रेडिट वापस लेने से होटल व्यवसायियों को नुकसान हो रहा है।
यह कदम उद्योग के लिए अतिरिक्त वित्तीय बोझ का कारण बन रहा है।
AP Chambers ने इस मुद्दे के त्वरित समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया।
संगठन ने GST परिषद से इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।
इन सुधारों से कृषि और होटल उद्योग को महत्वपूर्ण राहत मिल सकती है।