
Ashok leyland ev
भारतीय Commercial वाहन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अशोक लीलैंड ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। कंपनी अगले 7-10 वर्षों में घरेलू EV बैटरी उत्पादन में 50 बिलियन रुपये (लगभग 571.4 मिलियन डॉलर) से अधिक का निवेश करने जा रही है। यह निवेश भारत Electric वाहन क्रांति को गति देने में एक बड़ा कदम साबित होगा।
अशोक लीलैंड का यह भारी-भरकम निवेश न केवल कंपनी के अपने EV यूनिट, Switch, को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि यह अन्य वाहन निर्माताओं और Energy storage solutions के लिए भी बैटरी की आपूर्ति करेगा। इस कदम से भारत में EV battery इकोसिस्टम मजबूत होगा और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति होगी। यह आत्मनिर्भरता अशोक लीलैंड के लिए भी एक बड़ा फोकस Keyword है।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए, अशोक लीलैंड ने China की अग्रणी EV battery निर्माताओं में से एक, CALB के साथ साझेदारी की है। CALB पूरे विश्व में EV battery supplying करने वाली शीर्ष कंपनियों में से एक है, जो कारों, Commercial वाहनों और Energy storage के लिए उच्च गुणवत्ता वाली बैटरी का उत्पादन करती है। यह साझेदारी अशोक लीलैंड को अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञता तक पहुंच प्रदान करेगी, जिससे उच्च प्रदर्शन वाली EV बैटरी का घरेलू उत्पादन संभव हो पाएगा।
अशोक लीलैंड का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब भारत में कई अन्य दिग्गज कंपनियां भी स्थानीय स्तर पर EV cells और battery उत्पादन की योजना बना रही हैं। Tata Motors और Ola Electric जैसी कंपनियां भी इस दौड़ में शामिल हैं। इसके अलावा, पारंपरिक battery निर्माता जैसे Exide और Amara Raja भी इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहे हैं। यह सब भारत में एक मजबूत और स्वदेशी EV battery manufacturing base के निर्माण की ओर इशारा करता है।
वर्तमान में, अधिकांश भारतीय EV निर्माता अपनी cells और battery China और South Korea से आयात करते हैं। यह आयात निर्भरता लागत को बढ़ाती है और Supply chain में अनिश्चितता पैदा करती है। अशोक लीलैंड का यह स्थानीयकरण का प्रयास इस निर्भरता को कम करने में मदद करेगा।
EV battery, Electric वाहनों की कुल लागत का लगभग 40% तक होती है। इसलिए, battery उत्पादन का स्थानीयकरण करने से Electric वाहनों की लागत में उल्लेखनीय कमी आ सकती है। यह बदले में Electric वाहनों को उपभोक्ताओं के लिए अधिक किफायती बनाएगा और उनकी मांग को बढ़ाएगा। अशोक लीलैंड का यह कदम न केवल उनके लिए बल्कि पूरे भारतीय EV उद्योग के लिए game changer साबित हो सकता है।
यह निवेश अशोक लीलैंड की दूरदर्शिता को दर्शाता है और यह भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी सहायक होगा। इससे देश में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और तकनीकी कौशल का विकास होगा। भारत में EV battery का स्थानीय उत्पादन एक मजबूत manufacturing base के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अशोक लीलैंड का यह bold move निश्चित रूप से भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में एक नई दिशा देगा।
यह कदम भारत को वैश्विक EV arena में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा। स्थानीय स्तर पर उत्पादन बढ़ने से लागत कम होगी, गुणवत्ता में सुधार होगा और Supply chain मजबूत होगी। अशोक लीलैंड का यह **EV बैटरी उत्पादन** में निवेश भारत के Electric Mobility revolution का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा।
($1 = 87.5060 भारतीय रुपये)