
नई दिल्ली, 28 जुलाई (पीटीआई)। चौथे टेस्ट मैच को समय से पहले समाप्त करने के इंग्लैंड के प्रयासों को लेकर आर अश्विन ने उनके ‘डबल स्टैंडर्ड’ पर सवाल उठाए। क्रिकेट जगत ने भारत के उस फैसले का व्यापक समर्थन किया जिसमें टीम इंडिया ने रवींद्र जादेजा और वॉशिंगटन सुंदर को उनके शतक पूरे करने दिए, बजाय इंग्लैंड के हैंडशेक ऑफर को स्वीकार करने के।
मैच के आखिरी घंटे में ड्रामा तब शुरू हुआ जब इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने भारतीय बल्लेबाजों से हाथ मिलाने का प्रस्ताव रखा, क्योंकि उन्हें लगा कि अब मैच का नतीजा नहीं निकल सकता। जादेजा और वॉशिंगटन क्रमशः 89 और 80 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे और उन्होंने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया, जिससे स्टोक्स नाराज हो गए। बाद में स्टोक्स ने कहा कि उन्होंने यह ऑफर इसलिए दिया क्योंकि वह अपने थके हुए गेंदबाजों को चोटिल होने से बचाना चाहते थे।
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, “क्या आपने डबल स्टैंडर्ड शब्द सुना है? वे पूरे दिन आपके गेंदबाजों को खेलते रहे, आपको ड्रॉ की स्थिति में ले आए और अचानक जब वे शतक के करीब पहुंचे तो आप मैच छोड़ना चाहते हैं? ऐसा क्यों होगा? उन्होंने पूरे दिन मेहनत की है, तो क्या आप चाहते हैं कि वे अपना शतक छोड़ दें?” पूर्व ऑफ स्पिनर ने गुस्से में कहा।
आखिरकार जब जादेजा और वॉशिंगटन ने अपने शतक पूरे कर लिए, तभी भारत ने मैच को ड्रॉ घोषित किया। यह वॉशिंगटन का पहला टेस्ट शतक था। अश्विन और सुनील गावस्कर दोनों ने कहा कि वे चाहते तो भारत निर्धारित 15 ओवर खेल सकता था। अश्विन ने कहा, “अगर मैं भारतीय कप्तान होता, तो पूरे 15 ओवर खेलता।” गावस्कर ने भी सोनी स्पोर्ट्स पर इसी भावना को दोहराया, “मैं उनसे कहता कि वे बल्लेबाजी जारी रखें और टीम को पूरे 15 ओवर तक मैदान पर रखें।”
जब इंग्लैंड के खिलाड़ी जादेजा के आसपास जमा हो गए, तो स्टोक्स ने व्यंग्य से कहा, “क्या तुम हैरी ब्रुक (पार्ट टाइम गेंदबाज) के खिलाफ टेस्ट शतक बनाना चाहते हो?” अश्विन ने जवाब दिया, “आप पूछते हैं, ‘क्या आप हैरी ब्रुक के खिलाफ शतक बनाना चाहते हैं?’ उन्हें शतक बनाना है, आप स्टीव हार्मिसन ले आओ, एंड्रयू फ्लिंटॉफ ले आओ, कोई भी गेंदबाज ले आओ। उन्होंने आपत्ति नहीं की, ब्रुक को लाना आपका फैसला था, हमारा नहीं। ये टेस्ट रन हैं, शतक कमाया जाता है, दान में नहीं मिलता। वॉशिंगटन इसके हकदार थे, जादेजा इसके हकदार थे। बस।”
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज ब्रैड हड्डिन ने इंग्लैंड के खराब खेल भावना की आलोचना की। उन्होंने कहा, “भारत ने आखिरी दिन शानदार लड़ाई दिखाई। फिर अचानक ऐसी स्थिति आ गई जब इंग्लैंड ने कहा कि वे नहीं जीत सकते इसलिए मैच रोक दिया जाए क्योंकि इंग्लैंड खेलना नहीं चाहता। मुझे भारत का फैसला पसंद आया, उन्हें जितनी देर चाहें मैदान पर रहने का अधिकार था। उन्हें शतक बनाने का हक था।”
पूर्व इंग्लैंड कप्तान अलास्टेयर कुक ने भी भारत के फैसले का समर्थन किया और कहा कि इससे उन्हें पांचवें और अंतिम टेस्ट के लिए मौजूदा मोमेंटम मिलेगा। एक और पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने स्टोक्स के हैरी ब्रुक को गेंदबाजी कराने के फैसले को ‘मूर्खतापूर्ण’ बताया।